स्वघोषित संत रामपाल दोनों मामलों में दोषी करार, 16-17 अक्टूबर को होगा सजा का एलान
नवंबर 2014 में रामपाल के सतलोक आश्रम में हिंसा हुई थी. हिंसा में 6 महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई थी. पुलिस रामपाल को गिरफ्तार करने पहुंची थी जिसके बाद उसके समर्थकों ने हिंसा की थी.
नई दिल्ली: स्वघोषित संत और सतलोक आश्रम के प्रमुख रामपाल को हिसार कोर्ट ने हिंसा के मामले में दोषी करार दिया है. रामपाल को दोनों मामले में दोषी करार दिया गया है. एक मामले में रामपाल समेत 15 आरोपी को दोषी करार दिया गया है. इस मामले में सजा का एलान 16 अक्टूबर को होगा. जबकि चार महिलाओं एक बच्चे की मौत के मामले में रामपाल समेत 13 आरोपियों को दोषी करार दिया गया. इस मामले में सजा का एलान 17 अक्टूबर को होगा.
रामपाल मामले की सुनवाई हिसार जेल में ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. इस मामले में रामपाल को फांसी से लेकर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है. रामपाल जेल नंबर दो में बंद हैं और अदालत जेल नंबर 1 में लगी. आपको बता दें नवंबर 2014 में रामपाल के सतलोक आश्रम में हिंसा हुई थी. हिंसा में 6 महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई थी. पुलिस रामपाल को गिरफ्तार करने पहुंची थी जिसके बाद उसके समर्थकों ने हिंसा की थी.
हिंसा की आंशका के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम पुलिस नहीं चाहती कि राम रहीम के फैसले के दिन पंचकुला में जो हुआ वो हिसार में हो. प्रशासन को अंदेशा है कि आज रामपाल के समर्थक कोर्ट परिसर, सेंट्रल जेल, लघु सचिवालय, टाउन पार्क और रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर जमा हो सकते हैं.
फैसले से पहले हरियाणा के हिसार को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है. इलाके में धारा 144 लागू है. हिसार जिले में आने वाली सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं. वहीं सुरक्षा के लिहाज से रेवाड़ी से आने वाली ट्रेनों को भी रोक दिया गया है, ताकि रामपाल के समर्थक ट्रेनों के जरिये हिसार में प्रवेश ना कर सकें.
स्वंयभू संत रामपाल की 'राम कहानी' स्वंयभू संत रामपाल का हरियाणा में काफी असर है. दावा है कि उनके लाखों अनुयायी हैं. खुद को कबीरपंथी बताने वाले रामपाल स्वयं को परमेश्वर का एक रूप बताता है. रामपाल संत का चोला पहनने से पहले हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर था.
नौकरी से समय ही रामपाल संत स्वामी रामदेवानंद महाराज का शिष्य बन गया और प्रवचन करने लगा. साल 1999 में रामपाल ने हरियाणा के करोंथा गांव में सतलोक आश्रम बनवाया. साल दो हजार में हरियाणा सरकार के दबाव के बाद उसने इंजीनियर के पद से इस्तीफा दिया.
रामपाल की मुसीबत तब शुरू हुई जब जमीन विवाद में हुई हत्या के एक मामले में पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची. तब नवंबर 2014 में रामपाल ने पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कानून को अपने हाथ में ले लिया था. उस समय पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने 12 दिनों के संघर्ष के बाद रामपाल को गिरफ्तार किया था.
रामपाल पर आरोपों की फेहरिस्त रामपाल पर अभी 3 केस चल रहे हैं, इसमें दो केस हत्या के और एक केस देशद्रोह का है. इन मामलों में उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है. रामपाल सरकारी काम में बाधा डालने और आश्रम में लोगों को बंधक बनाने के मामले में बरी हो चुका है.