Azam Khan Election: उत्तर प्रदेश के रामपुर में दिसंबर में हुए विधानसभा उपचुनाव में कथित धांधली के मामले पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. वकील सुलेमान अहमद खान की याचिका ठुकराते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, "कानूनन चुनाव के खिलाफ याचिका हाई कोर्ट में दाखिल होती है. आप चुनाव आयोग को भी शिकायत कर सकते हैं. लेकिन फिलहाल सुप्रीम कोर्ट यह मामला नहीं सुनेगा."


बीजेपी के आकाश सक्सेना ने जीती थी सीट


भड़काऊ भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आज़म खान को 3 साल की सज़ा मिलने के बाद रामपुर विधानसभा सीट खाली हुई थी. इसके बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी के आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी के आसिम रज़ा को हरा दिया था. समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाने वाली सीट पर पहली बार बीजेपी को जीत मिली है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि मतदान के दौरान प्रशासन ने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में काम किया. पुलिस ने मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों को मतदान करने से रोका.


3 जजों की बेंच ने सुनवाई की


चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के लिए पेश वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े से पूछा कि चुनाव से संबंधित याचिका हाई कोर्ट में क्यों नहीं दाखिल की. इसका जवाब देते हुए हेगड़े ने कहा कि चुनाव याचिका परिणाम आने के बाद दाखिल होती है. यह याचिका उससे पहले दाखिल की गई थी. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि अब परिणाम आ चुका है. यह मामला हाई कोर्ट में ही सुना जाना चाहिए.


याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह याचिका पुलिस की ज़्यादती के खिलाफ है. इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रशासन की भूमिका के खिलाफ शिकायत चुनाव आयोग को दी जा सकती है. यह मामला ऐसा नहीं है जिसकी सुनवाई सीधे सुप्रीम कोर्ट में हो.


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