मैराथन बैठक के बाद NDA में सीटों पर बनी बात, कल नीतीश की मौजूदगी में हो सकता है एलान
24 घंटे में एलजेपी के शीर्ष नेताओं और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच दो दौर की बैठक हो चुकी है. कल रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान ने शाह से मुलाकात की थी. जिसके बाद आज पासवान वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले.
नई दिल्ली: बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में फूट के बाद जागे बीजेपी हाईकमान ने पार्टियों के बीच करीब-करीब सुलह कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक, एनडीए में सीटों को लेकर सहमति बन चुकी है और नीतीश कुमार के दिल्ली आने के बाद कल इसकी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है. दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए छोड़ने के ठीक बाद रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने बीजेपी को चेताया था कि वह जल्द से जल्द सीट शेयरिंग पर फैसला करे नहीं तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है.
पिछले 24 घंटे में एलजेपी के शीर्ष नेताओं और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच दो दौर की बैठक हो चुकी है. कल रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान ने शाह से मुलाकात की थी और आज पासवान वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले. बैठक के बाद चिराग पासवान ने कहा कि जब अंतिम फैसला होगा उसके बाद पूरी जानकारी दी जाएगी. वहीं रामविलास पासवान के भाई और सांसद रामचंद्र पासवान ने कहा कि एनडीए में कोई पेंच नहीं है, मिलकर हमलोग चुनाव लड़ेंगे.
पिछले कुछ दिनों में बिहार में एनडीए को कई झटके लगे हैं. पहले उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और एनडीए से अलग होने का एलान किया. वह कल कांग्रेस, आरजेडी के नेतृत्व वाली महागठबंधन में शामिल हो गए. इन सब के बीच चिराग पासवान ने तीन कदम उठाए जिससे एनडीए में बेचैनी बढ़ी.
1. 18 दिसंबर को एलजेपी सांसद चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा था, ''टीडीपी व रालोसपा के एनडीए गठबंधन से जाने के बाद एनडीए गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है. ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करें.'' उन्होंने कहा, ''गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है. इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है.''
2. चिराग पासवान ने नोटबंदी पर भी सवाल उठाए. सूत्रों के मुताबिक, चिराग ने 11 दिसंबर के चुनाव नतीजे आने के बाद जेटली को एक पत्र लिख कर उनसे नोटबंदी के फायदे गिनाने को कहा था, ताकि वह एलजेपी लोगों को इस बारे में विस्तार से बता सकें. मीडिया में दी गई अपनी टिप्पणियों में चिराग ने किसानों और युवाओं के बीच बेचैनी के बारे में बात की है.
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3. उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भी तारीफ की. उन्होंने विधानसभा चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए कहा, ''राहुल गांधी ने मुद्दो को सही ढंग से उठाया. जिस तरह उन्होंने बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को जनता के सामने उठाया, वह अच्छा था. जबकि हम धर्म और मंदिर की बात करते रहे. मैं सरकार से निवेदन करता हूं कि हम लोगों को फिर से अपना फोकस पूरी तरह विकास पर करना चाहिए.'''
दरअसल, एनडीए में लड़ाई सीटों को लेकर है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बिहार की 40 सीटों में से 30 पर लड़ी थी और उसे 22 सीटों पर जीत मिली थी. एलजेपी ने सात और आरएलएसपी ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. एलजेपी ने छह सीटों पर और आरएलएसपी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2014 लोकसभा चुनाव में जेडीयू और कांग्रेस दो-दो, आरजेडी चार और एनसीपी एक सीट जीती थी.
2019 लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल चुके हैं. एनडीए में इसबार जेडीयू शामिल है और आरएलएसपी अलग हो चुकी है. जेडीयू और बीजेपी ने बराबर-बराबर सीटों पर लड़ने का एलान किया है. एलजेपी पिछले चुनाव की तरह ही कम से कम सात सीटों की मांग कर रही है. बीजेपी ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है. इसी बात से पासवान नाराज हैं.
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