Ranchi Violence: 150 लोगों के अराजकता फैलाने का मिला था IB इनपुट, फिर कहां रह गई चूक? गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी रिपोर्ट
Nupur Sharma Row: राजभवन अब रांची हिंसा को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार रहा है. यह रिपोर्ट अब केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रांची हिंसा को लेकर राज्यपाल से रिपोर्ट मांगी है.
Protest On Nupur Sharma's Remarks: रांची में जुमे की नमाज के बाद जिस तरह नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भारी हिंसा हुई उसकी साजिश दरअसल पहले ही रची जा चुकी थी. झारखंड के डीजीपी ने नीरज सिन्हा ने खुद यह स्वीकार किया है कि खुफिया विभाग यानी आईबी ने करीब 150 लोगों की ओर से रांच में अराजकता फैलाने का इनपुट दिया गया था. राजभवन अब रांची हिंसा को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार रहा है. यह रिपोर्ट अब केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रांची हिंसा को लेकर राज्यपाल से रिपोर्ट मांगी है.
रांची हिंसा पर DGP तलब
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इससे पहले झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को डीजीपी नीरज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन तलब किया. उन्होंने जानना चाहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों, रबड़ की गोलियों या आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया और प्रशासन एहतियाती कार्रवाई करने में नाकाम क्यों रहा.
बीजेपी के दो निलंबित प्रवक्ताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर शुक्रवार को हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद झारखंड की राजधानी में तनाव की स्थिति है. हिंसा में दो लोगों की मौत हुई थी और 24 से अधिक घायल हो गए थे.
इनपुट के बाद कार्रवाई न होने पर सवाल
डीजीपी सिन्हा ने बैस को सूचित किया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर राज्य की राजधानी में 10 जून के विरोध-प्रदर्शन के दौरान केवल 150 लोगों के जुटने की उम्मीद थी. हालांकि, हिंसक विरोध में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. राजभवन की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘आपने पानी की बौछारों, रबड़ की गोलियों और आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया. वहां इन चीजों की कोई व्यवस्था क्यों नहीं थी?’’
बयान में कहा गया है, ‘‘प्रशासन ने प्रस्तावित कार्यक्रम, धरना, प्रदर्शन, जुलूस को लेकर क्या व्यवस्था की थी. आपके पास खुफिया ब्यूरो (आईबी), अपराध जांच विभाग (सीआईडी) है और विशेष शाखा ने क्या सूचना दी थी? जुलूस के संचालन के दौरान वहां कितने सुरक्षाकर्मी और मजिस्ट्रेट मौजूद थे? आपने कोई एहतियाती कार्रवाई क्यों नहीं की?’’
पुलिसकर्मी क्यों नहीं पहने थे सुरक्षात्मक गियर?
राज्यपाल ने सवाल किया कि पुलिस अधिकारी और कर्मी हेलमेट और सुरक्षात्मक गियर क्यों नहीं पहने हुए थे. उन्होंने पूछा, ‘‘अब तक कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं? कितनी प्राथमिकी दर्ज की गई हैं? सभी प्रदर्शनकारियों और जो पकड़े गए हैं, उनका विवरण प्राप्त करें, उनके नाम/पते सार्वजनिक करें, शहर में मुख्य स्थानों पर उनकी तस्वीरों वाली होर्डिंग लगएं, ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके.’’
उन्होंने यह जानना चाहा कि क्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान की है और क्या उन्हें दंडित करने के लिए कोई कार्रवाई की गई है. बैस ने कहा, ‘‘ऐसे सभी लोगों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने की जरूरत है.’’
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