Jharkhand Posters Politics over Ranchi Violence: झारखंड में उपद्रवियों के पोस्टर (Miscreants Posters) हटाए जाने को लेकर राजनीति गरमा गई है. दरअसल हिंसक गतिविधियों को अंजमा देने वालों की धरपकड़ के लिए राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के उपद्रवियों की तस्वीरें लगाने के निर्देश दिए थे, ताकि आम लोग उनकी पहचान करने में पुलिस को सहयोग कर सकें. सोमवार को पोस्टर्स काफी तेजी से लगाए गए थे, लेकिन उतनी ही जल्दी उतार भी लिए गए. बीजेपी (BJP) का आरोप है कि झारखंड सरकार (Jharkhand Govt) के इशारे पर उपद्रवियों के पोस्टर्स उतारे गए.
वहीं, जेएमएम और कांग्रेस ने कहा है कि वो इस पक्ष में नहीं हैं कि उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाएं. बहरहाल उपद्रवियों के पोस्टर के मामले पर राज्य सरकार बनाम राज्यपाल और बीजेपी हो गया है. रांची हिंसा के मास्टर माइंड नवाब चिश्ती गिरफ्तार हुआ है. इस बीच महागठबंधन के नेताओं के साथ उसका कई फोटो भी सामने आया है. जिसे लेकर जेएमएम और कांग्रेस बैकफुट पर है.
पोस्टर उतारे जाने पर सियासत
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद पांडेय ने पोस्टर विवाद पर कहा कि अपनी पार्टी की तरफ से पुलिस से कहना चाहता हूं कि कोई भी ऐसा कदम मत उठाइए, जिससे समाज में तनाव फैले, मनमुटाव हो, द्वेष फैले. हिंसा के आरोपियों पर कार्रवाई हो, लेकिन पुलिस ऐसा कुछ न करे जिससे आने वाले समय में हिंसा जैसे मामले आगे बढ़ जाएं. BJP रांची हिंसा पर सियासत ना करे. यह संवेदनशील मामला है
विनोद पांडे का राज्यपाल पर तंज
जेएमएम नेता विनोद पांडे ने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा कि क्या इस तरह के आदेश देने का पॉवर राज्यपाल को है. यह भी देखना होगा. बता दें कि राज्यपाल के आदेश पर उपद्रवियों का पोस्टर लगाया गया था, लेकिन उसको तुरंत उतार लिया गया. हिंसा के मामले में नवाब चिश्ती गिरफ्तार हो चुका है. कई महागठबंधन नेताओं के साथ उसका फोटो सामने आया है. इस पर उन्होंने कहा कि जो भी लोग हिंसा में शामिल होंगे उन पर कार्रवाई होगी. महागठबंधन नेताओं के साथ फोटो किस मंशा के साथ सामने लाया गया? फोटो किस मंशा के साथ खिंचवाया गया यह देखना पहले जरुरी है.
कांग्रेस नहीं चाहती उपद्रवियों का पोस्टर लगे?
झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि उपद्रवियों का पोस्टर लगने, बुलडोजर चलने से कोई फायदा नहीं होता है. हिंसा में शामिल लोगों पर पुलिस कार्रवाई करे. राज्यपाल को बीजेपी के पॉलिटिकल एजेंडे में नहीं पड़ना चाहिए. उपद्रवियों का पोस्टर जारी करने का निर्देश देने का अधिकार राज्यपाल को नहीं. सिर्फ सलाह दे सकते हैं. राज्यपाल को पता होना चाहिए कि झारखंड में चुनी हुई सरकार है. राष्ट्रपति शासन नहीं है. नवाब चिश्ती की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.
बाबूलाल मरांडी का झारखंड सरकार पर हमला
पूर्व CM और BJP विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार हिंसा के आरोपियों के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखती है. सरकार के इशारे पर उपद्रवियों का पोस्टर उतार दिया गया. सरकार दबाव में है. पुलिस सरकार के दबाव में है. भारत सरकार की एजेंसियों ने पहले ही अलर्ट कर दिया था कि हिंसा भड़क सकती है. तब भी पर्याप्त पुलिसकर्मियों को तैनात नहीं किया गया और हिंसा भड़क गई. राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार है. नवाब चिश्ती और महागठबंधन नेताओं के साथ फोटो के सवाल पर उन्होंने कहा कि नेताओं के साथ कई लोग मिलते हैं और फोटो खिंचवाते हैं. इसकी जांच की जानी चाहिए.
नवाब चिश्ती पर भड़काऊ पोस्ट डालने का आरोप
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माजी, कांग्रेस नेता बंधु टिर्की के साथ नवाब चिश्ती का फोटो सामने आया है. बता दें कि रांची हिंसा के पीछे फेसबुक पर डाले गए भड़काऊ पोस्ट में नवाब चिश्ती (Nawab Chisti) का भी हाथ था. भड़काऊ पोस्ट नवाब चिश्ती ने डाला था. फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) के जरिये भीड़ जुटाने का संदेश दिया गया था. पहले भी इसपर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था. 2019 में जेल गया था. पुलिस के सामने उसने स्वीकार किया है कि सोशल मीडिया पर वो धार्मिक उन्माद पैदा करने वाले उत्तजेक मैसेज भेजता है. जिस नवाब चिश्ती को पकड़ा गया है वही गैंग्स ऑफ वासेपुर नाम के व्हाट्सएप ग्रुप का एडमिन है.
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