Ranchi Violence: जुमे की नमाज के बाद रांची में हुई हिंसा में दो मुस्लिम युवकों की मौत हुई थी जिसमें से एक का नाम साहिल है. मृतक युवक के पिता ने एबीपी न्यूज़ की टीम से बात कर दावा किया कि, 'उनका बेटा हिंसा में शामिल नहीं था.' उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि, 'पुलिस ने उसे गोली मार दी.'
मृतक के पिता मोहम्मद अफजल ने एबीपी न्यूज से कहा कि, मेरा बेटा साहिल हिंसा में शामिल नहीं था. शुक्रवार को मेन रोड में जहां पर घटना हुई साहिल वहां एक दुकान में काम करता था. हिंसा भड़की तो सभी दुकानें बंद होने लगी. मेरा बेटा मेन रोड के रास्ते से घर जा रहा था उस दौरान पुलिस ने उसे पीठ पर गोली मार दी. मोहम्मद अफजल ने दावा कर कहा कि, "मेरा बेटा प्रदर्शन में शामिल नहीं था. मैंने पुलिस पर केस किया है मुझे न्याय चाहिए साथ ही मुआवजा चाहिए."
इस्लाम जिंदाबाद, नुपूर शर्मा मुर्दाबाद के लगाए गए थे नारे
बताया जा रहा है कि, शुक्रवार को जुमे की नवाज के बाद मेन रोड पर भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे थे. इस्लाम जिंदाबाद, नुपूर शर्मा मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे. घटना वाले दिन प्रदर्शन में स्थानीय बच्चे शामिल थे लेकिन सब शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. दावा किया जा रहा है कि, पुलिस के पीछे खड़े लोगों ने पहले पत्थरबाजी की जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोग उग्र हो गए और ने पुलिस ने बर्बरता दिखायी.
देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया. प्रदर्शनकारी पत्थर चलाने लगे. मंदिर और आस पास की दुकानों, गाड़ियों, पुलिस पर पत्थर फेंके गए. पुलिस हालात को काबू में करने के लिये फायरिंग करनी लगी जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई.
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