प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को महान स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई की शौर्य गाथा देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बनी रहेगी.


पीएम ने ट्वीट कर किया नमन 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर ट्वीट किया, ‘‘आजादी की पहली लड़ाई में अद्भुत पराक्रम का परिचय देने वाली वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन. उनकी शौर्यगाथा देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बनी रहेगी.’’


वीरांगना के तौर पर दर्ज है लक्ष्मीबाई का नाम 


आपको बता दें कि महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म काशी में 19 नवंबर 1835 को हुआ था. बाल्यकाल में वह मनुबाई के नाम से जानी जाती थीं. झांसी के राजा गंगाधर राव से उनका विवाह हुआ था. वहीं, अंग्रेजों के साथ युद्ध करते हुए स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी. इतिहास में रानी लक्ष्मीबाई का नाम वीरांगना के तौर पर दर्ज है.


अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में दिया था महत्वपूर्ण योगदान 


अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में उनकी बहादुरी के किस्से कविताओं और लोक गीतों तक में पाए जाते हैं. बच्चों की जुबान पर उनकी साहस और वीरता के किस्से मशहूर हैं. अपनी मातृभूमि के लिए उन्होंने अपना बलिदान देने से भी नहीं गुरेज किया. 'मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी' का बोला गया उनका वाक्य आज भी लोगों को याद है. 18 जून 1858 का दिन ग्वालियर में लड़ाई का दूसरा और महरानी लक्ष्मीबाई की जिन्दगी का आखिरी दिन था.



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