नई दिल्ली: अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के इस्तीफा देने के कुछ महीने बाद ही भारतीय न्यायिक गलियारे में एक और इस्तीफे की पेशकश की गई है. भारत सरकार के दूसरे सबसे बड़े न्यायिक अधिकारी सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने अपने पद से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह अपने परिवार और निजी कामों के लिए वक्त नहीं दे पाने को बताया है.
माना जा रहा है कि अपने सहकर्मियों को लिखे संदेश में रंजीत कुमार ने कहा है, "मैं अपने निजी और पारिवारिक मुद्दे की वजह से इस्तीफा दे रहा हूं, जिन्हें मुझे देखना चाहिए था लेकिन काम की वजह से मैं ऐसा नहीं कर पा रहा था." सरकार के साथ किसी भी तरह के विवाद से इनकार करते हुए कहा, "सरकार का व्यवहार मेरे साथ अच्छा है."
रंजीत कुमार को संवैधानिक कानून, सेवा और कर मामलों में विशेषज्ञ माना जाता है. वह पहले गुजरात सरकार के वकील और जून 2014 में सॉलिसिटर जनरल का पद ग्रहण करने से पहले सर्वोच्च न्यायालय में कई मामलों में न्याय मित्र रह चुके हैं. उन्होंने जिन मामलों में गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व किया था, उनमें साल 2005 में सोहराबुद्दीन शेख की कथित मुठभेड़ में मौत का मामला भी शामिल था.
इससे पहले सरकार के शीर्ष न्यायिक सलाहकार अटॉर्नी जनरल (महान्यायवादी) मुकुल रोहतगी ने इस साल जून में निजी कामों का हवाला देकर पद छोड़ दिया था. मुकुल रोहतगी के पद छोड़ने के बाद केके वेणुगोपाल को अटॉर्नी जनरल बनाया गया है.