थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को दिया गया नेपाली सेना के ऑनरेरी-जनरल का रैंक
पिछले 70 सालों से भारत और नेपाल के बीच सैन्य पंरपरा रही है कि दोनों सेनाओं के प्रमुखों को एक दूसरे की सेना की ऑनरेरी-जनरल रैंक प्रदान की जाती है. इसी कड़ी में जनरल नरवणे को मानद-पद दिया गया है.
नई दिल्ली: गुरूवार को काठमांडू में थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को नेपाली सेना के ऑनरेरी-जनरल की रैंक से नवाजा गया. खुद नेपाल की राष्ट्रपति बिदिया देवी भंडारी ने जनरल नरवणे को नेपाली सेना की तलवार और कैप पहनाकर ये रैंक प्रदान की. इस समारोह से पिछले छह महीने से दोनों देशों के संबंधों में आई खटास भी काफी कम हो गई.
थलसेना प्रमुख जनरल नरवणे नेपाली सेना प्रमुख के निमंत्रण पर तीन दिन की नेपाल यात्रा पर गए हुए हैं. ये दौरा ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच कालापानी और लिपूलेख इलाके को लेकर संबंध थोड़े तल्ख हो गए थे. लेकिन इस दौरे से दोनों पड़ोसी देशों के संबंध एक बार फिर से पटरी पर आने की उम्मीद है.
गुरूवार को नेपाल के राष्ट्रपति-आवास ('शीतल भवन') में जनरल नरवणे को एक समारोह के दौरान ऑनरेरी रैंक प्रदान की गई. इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, नेपाली सेना को प्रमुख, जनरल पूरण चंद्र थापा और नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा मौजूद थे.
आपको बता दें कि पिछले 70 सालों से भारत और नेपाल के बीच सैन्य पंरपरा रही है कि दोनों सेनाओं के प्रमुखों को एक दूसरे की सेना की ऑनरेरी-जनरल रैंक प्रदान की जाती है. इसी कड़ी में जनरल नरवणे को मानद-पद दिया गया है.
इससे पहले जनरल नरवणे ने भारत सरकार की तरफ से नेपाली सेना के दो फील्ड-हॉस्पिटल्स के लिए चिकित्सा उपकरण और कोविड से लड़ने के लिए वेंटिलेटर दिए. जुलाई के महीने में भी भारतीय सेना ने नेपाली सेना को कोरोना से लड़ने के लिए मेडिरल इक्यूपमेंट प्रदान किए थे.
सुबह नेपाली सेना के मुख्यालय में जनरल नरवणे को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उसके बाद दोनों देशों के सेना प्रमुखों ने बैठक की. इस बैठक में नेपाली सेना के डीजीएमओ ( डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) भी मौजूद थे. डीजीएमओ ने नेपाली सेना की गतिविधियों और कार्यवाही को लेकर एक प्रेजेंटेशन पेश किया. दोनों देशों के बीच मिलिट्री टू मिलिट्री कॉपरेशन पर खास बात हुई. इसमें दोनों देशों के साझा युद्धभ्यास ('सूर्यकिरण'), ट्रेनिंग और सहयोग पर चर्चा हुई. जनरल नरवणे ने नेपाली सेना के युद्धस्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.
सूत्रों के मुताबिक, जनरल नरवणे की ये यात्रा मिलिट्री-डिप्लोमेसी का हिस्सा थी. इसलिए इस दौरे के दौरान चीन से सटे कालापानी और लिपूलेख ट्राइ-जंक्शन या फिर नेपाल द्वारा जारी किए गए नए नक्शे को लेकर कोई खास चर्चा नहीं हुई.
शुक्रवार को जनरल नरवणे भारत लौटने से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे. खास बात ये है कि जनरल नरवणे की यात्रा से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरल को हटाकर रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त भार अपने पास रख लिया था. इसको अलावा शुक्रवार को ही जनरल नरवणे नेपाली सेना के आर्मी स्टाफ कॉलेज एंड कमांड में भी लेक्चर देंगे.