Rape Accused FleesAt Delhi Airport: पंजाब में बलात्कार के एक मामले का आरोपी बहरीन से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पहुंचने पर इमीग्रेशन अधिकारियों की हिरासत से भाग निकला. हवाई अड्डे पर सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर वह फरार हुआ है, जिसकी वजह से हवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है.


पुलिस ने आरोप लगाया कि आरोपी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की हिरासत से भागा है, जबकि सीआईएसएफ ने दावा किया कि इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ने आरोपी को उन्हें सौंपा ही नहीं है. पंजाब में फतेहगढ़ साहिब का रहने वाला आरोपी अमनदीप सिंह 20 दिसंबर को सुबह चार बजकर 55 मिनट पर एअर इंडिया के एक विमान से खाड़ी देश से आईजीआई हवाई अड्डा पहुंचा था.


आरोपी के खिलाफ जारी था लुकआउट सर्कुलर


दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने आईजीआई हवाई अड्डा पुलिस थाने में इमीग्रेशन डिपार्टमेंट द्वारा दर्ज करायी प्राथमिकी के हवाले से बताया कि सिंह को इमीग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया था, क्योंकि उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया था और उसे हवाई अड्डे पर तैनात सीआईएसएफ कर्मियों को सौंप दिया गया था. उन्होंने बताया कि पंजाब के लुधियाना में दर्ज बलात्कार के मामले में आरोपी सिंह अप्रैल 2020 से फरार था. प्राथमिकी के अनुसार, इमीग्रेशन विभाग ने आरोपी को सीआईएसएफ को सौंप दिया था जिस पर हवाई अड्डे की सुरक्षा का जिम्मा है.


एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘सीआईएसएफ कर्मी उसे दिल्ली पुलिस को सौंपने जा रहे थे, तभी वह करीब 10 बजे में इमीग्रेसन डिपार्टमेंट में काउंटर नंबर 33 से कूदकर उनकी हिरासत से भाग गया.’’ अधिकारी ने बताया कि सिंह को ले जा रहे अधिकारियों में शामिल एक अधिकारी शौचालय गया था, तभी आरोपी भाग गया.


शौचालय गया था CISF कर्मी, तभी हुआ फरार


प्राथमिकी के अनुसार, ‘‘सिंह ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ स्टाफ की हिरासत में था. अब यह मालूम चला है कि वह सुबह 10 बजे हिरासत से फरार हो गया जब सीआईएसएफ कर्मी करीब 09:57 बजे शौचालय गया था.’’


इसमें कहा गया है, ‘‘…सिंह काउंटर नंबर 33 प्रवेश द्वार से कूदकर गैरकानूनी तरीके से बाहर निकल गया. दिल्ली पुलिस के एक अन्य अधिकारी के अनुसार, सिंह इमीग्रेशन क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद टर्मिनल 3 से टर्मिनल 2 की ओर आसानी से चलकर गया. बाद में उसे टी2 के एक निकास द्वार से बाहर निकलते हुए देखा गया है. दिल्ली पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह सब कुछ ही मिनटों के भीतर हुआ. निकास द्वार तक पहुंचने के लिए वह करीब 200 मीटर चला.


प्राथमिकी दर्ज, CISF ने आरोपों को किया खारिज


पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 224 (किसी व्यक्ति द्वारा उसकी वैध गिरफ्तारी में प्रतिरोध या बाधा पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई हैं.


बहरहाल, सीआईएसएफ ने इस दावे को खारिज किया और उसके कर्मियों की ओर से कोई चूक किए जाने से इनकार किया. सीआईएसएफ के मुख्य प्रवक्ता श्रीकांत किशोर ने कहा, ‘‘यह बताना उचित होगा कि इमीग्रेशन अधिकारियों ने लुकआउट सर्कुलर जारी किए गए यात्री के संबंध में आगमन रजिस्टर में उसके आने की कोई इंट्री दर्ज नहीं की है. उन्होंने कहा कि आरोपी सीआईएसएफ की हिरासत में नहीं था इसलिए इसे सुरक्षा बल की चूक नहीं कहा जा सकता. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने घटना की आंतरिक जांच शुरू की है.


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