नई दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि देश के सभी पुलिस थानों में तत्काल विशेष रूप से डिजाइन रेप जांच किट उपलब्ध कराई जानी चाहिए. यह किट लैंगिक हमलों और रेप के मामलों में तत्काल चिकित्सकीय जांच और साक्ष्य उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं.


मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक किट में परखनली और बोतलों का सेट होगा जिसकी लागत 200 से 300 रूपए होगी. इसकी सामग्री और विशेषताओं को अंतिम रूप दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि बाद में राज्य सरकारें इन्हें खुद खरीद सकती हैं.


अधिकारी ने कहा कि ऐसे किट का पहली खेप ब्यूरो पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) ने बनाया है और उसने अधिकारियों को फोरेंसिक प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है.


बच्चों के खिलाफ अपराध के संदर्भ में पुलिस के लिए कानूनी प्रक्रिया विषय पर एक किताब जारी करने के मौके पर यहां गांधी ने जोर देकर कहा कि उनके मंत्रालय ने बच्चों और महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिये कई कदम उठाए हैं.


उन्होंने कहा, "हमनें कमियों को देखा. हमें पहली खामी फोरेंसिक विभाग में नजर आई. हमारे पास सिर्फ 1500 लोगों की फोरेंसिक क्षमता है. हमनें निर्भया कोष का इस्तेमाल किया और गृह मंत्रालय की मदद से हम पांच और फोरेंसिक प्रयोगशाला बना रहे हैं जो इस क्षमता को 1500 से बढ़ाकर 20,000 पहुंचा देगी."