20 हफ्ते के बाद मेडिकल बोर्ड से परमिशन लेना जरूरी
जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने एक पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पीड़िता द्वारा अनचाहे गर्भ का सामना करने के सभी मामलों में अगर गर्भावस्था की अवधि 20 हफ्ते से ज्यादा नहीं हुई हो तो उसे मेडिकल बोर्ड के पास भेजे जाने की जरूरत नहीं है.
इस प्रावधान के तहत कराया जा सकता है गर्भपात
जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने अपने आदेश में कहा, “मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानून, 1971 की धारा तीन के प्रावधानों के तहत गर्भपात कराया जा सकता है. पीड़िता को बेवजह अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.”
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