Rapid Rail Tunnel: भारत की पहली रैपिड रेल के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर शनिवार को दिल्ली खंड के लिए पहली सुरंग की खुदाई की गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सुरंग खोदने वाली मशीन ‘सुदर्शन 4.1’ ने पूर्वी दिल्ली के खिचड़ीपुर में सफलता हासिल की है.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने एक बयान में कहा है कि तीन किलोमीटर लंबी यह सुरंग दिल्ली में किसी भी सुरंग-खुदाई करने वाली मशीन द्वारा बनाई गई सबसे लंबी है और इसका निर्माण जनवरी 2022 में शुरू हुआ था. दिल्ली में इस कॉरिडोर के जंगपुरा, सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार, चार स्टेशन हैं, जिनमें सिर्फ आनंद विहार स्टेशन अंडरग्राउंड है.
4 सुरंगों का होना है निर्माण
गौरतलब है कि दोनों दिशाओं में आवाजाही के लिए 82 किलोमीटर लंबे ‘दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) के लिए दिल्ली में चार सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के लिए तैयार किए जा रहे आरआरटीएस कॉरिडोर की 82 किलोमीटर की कुल लंबाई में से 14 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में है और 68 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है.
इमरजेंसी क्रॉस पैसेज का भी हो रहा निर्माण
वहीं, कॉरिडोर के 12 किमी लंबे भूमिगत भाग में यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरंग में कुल 21 आपात निकास मार्ग (इमरजेंसी क्रॉस पैसेज) बनाए जाएंगे. इन आपात निकास मार्ग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रेलियन टनलिंग प्रणाली (एनएटीएम) की तकनीक पर किया जा रहा है. आनंद विहार से साहिबाबाद के बीच दो किमी लंबी सुरंग का निर्माण तेज गति से जारी है. यहां दो सामानांतर सुरंगों में कुल चार आपात निकास मार्ग होंगे. वहीं आनंद विहार से न्यू अशोकनगर में निर्माणाधीन तीन किमी लंबी दो समानांतर सुरंग में कुल आठ आपात निकास मार्ग होंगे. सर्वाधिक नौ आपात निकास मार्ग का निर्माण मेरठ में निर्माणाधीन सुरंगों में किया जाएगा.
मेरठ में भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच निर्माणाधीन दो किमी की सुरंग में छह आपात निकास मार्ग, भैंसाली से बेगमपुल के बीच एक किमी लंबी सुरंग में दो और गांधी बाग से बेगमपुल के बीच 700 मीटर लंबी सुरंग में एक आपात निकास मार्ग का निर्माण किया जाएगा.
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