Rashid Alvi on VHP: सऊदी अरब की ओर से तब्लीगी जमात को आतंक का प्रवेश द्वार बताने के बाद इसे लेकर भारत में सियासत शुरू हो गई है. जहां इस्लामिक संगठनों ने सऊदी अरब के इस फैसले की निंदा करते हुए पुनर्विचार करने को कहा है, वहीं विश्व हिंदू परिषद ने गुरुवार को मांग उठाई कि सरकार भारत में तब्लीगी जमात पर पूरी तरह बैन लगाए. साथ ही VHP ने दारुल उलूम देवबंद और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर निशाने साधते हुए आरोप लगाया कि ये तब्लीगी जमात को 'प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष' तौर से मदद पहुंचाते हैं. 


अब इस मामले में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी भी कूद पड़े हैं. उन्होंने कहा, सऊदी अरब ने जिस संगठन पर प्रतिबंध लगाया वो तब्लीगी जमात से अलग है. विश्व हिंदू परिषद नफरत फैलाने का काम करती है, उस पर पाबंदी लगनी चाहिए. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अल्वी ने कहा, पीएम मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए. इंदिरा गांधी नहीं होती तो बांग्लादेश बनता ही नहीं आज उनके नाम को हटाया जा रहा है जो गलत है. पीएम अपना कद बड़ा दिखाने के लिए ये कर रहे हैं. इतिहास इसके लिए उनको माफ नहीं करेगा.


बता दें कि वीएचपी ने एक बयान में यह भी मांग की थी कि दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज इमारत और तब्लीगी जमात के बैंक खातों को सील किया जाए और इसके 'आर्थिक जरियों और संसाधनों' के बारे में पता लगाया जाना चाहिए. वीएचपी ने आरोप लगाया, ' ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया तब्लीगी जमात और इसके निजामुद्दीन मरकज के गैर-कानूनी कामों के कारण आज गंभीर परेशानी में है.' बयान में मांग की गई कि भारत में तब्लीगियों, तब्लीगी जमात और इज्तिमा (धार्मिक जुटान) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए. 


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