Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar 2023: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने सोमवार (23 जनवरी) को विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में 11 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 से नवाजा. पुरस्कार पाने वाले ये बच्चे पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.


इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि बच्चे हमारे देश की अमूल्य संपत्ति हैं. उनके भविष्य के निर्माण के लिए किया गया हर प्रयास हमारे समाज और देश के भविष्य को आकार देगा. आइए जानते हैं क्या होता है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP)?  किन बच्चों को मिलता है और कब हुई इसकी शुरुआत? 


क्या है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार?


केंद्र सरकार की ओर से साल 1996 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की शुरुआत की गई थी. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के मकसद से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार को शुरू किया गया था. साल 1996 से ही पुरस्कार पाने वाले ये बच्चे राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनते रहे हैं.


किन बच्चों को मिलता है राष्ट्रीय बाल पुरस्कार?


राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से एक गाइडलाइन बनी हुई है. उसी के आधार पर बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चुना जाता है. ऐसे बच्चे जिनकी उम्र 5 साल से ज्यादा और 18 साल से कम है. जो भारत के नागरिक हैं और देश में ही रहते हैं. उन्हें ये पुरस्कार दिया जा सकता है. साल 2018 में बहादुरी के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को भी शामिल किया गया.


किन श्रेणियों में दिया जाता है ये पुरस्कार?


हर साल केंद्रीय मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए बच्चों का चयन किया जाता है. ये पुरस्कार छह श्रेणियों में दिया जाता है. जिनमें कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार (इनोवेशन), शैक्षणिक, सामाजिक सेवा और खेल में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है.


पुरस्कार विजेताओं को क्या मिलता है?


प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के हर विजेता को एक पदक (Medal) और एक प्रमाणपत्र (Certificate) दिया जाता है. इसके साथ पुरस्कार विजेताओं को 1 लाख रुपये का नकद (1 Lakh Rupees Cash) भी पुरस्कार के तौर पर दिए जाते हैं.


इस साल दिए गए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वालों में से छह लड़के और पांच लड़कियां हैं. इस बार कला और संस्कृति के क्षेत्र में 4, बहादुरी में 1, इनोवेशन में 2, सामाजिक कार्य में 1 और खेल में 3 बच्चों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.


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