राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तेजतर्रार प्रचारक दत्तात्रेय होसबोले को संघ में नंबर 2 यानी सर-कार्यवाह बनाया गया. उनकी घोषणा के साथ ही संघ परिवार ने नई टीम भी घोषित कर दी है. लंबे समय तक विद्यार्थी परिषद की कमान संभालने वाले सुनील आंबेकर को अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख की जिम्मेदारी देते हुए संघ परिवार ने अब तक प्रचार प्रमुख रहे अरुण कुमार को दत्तात्रेय होसबोले की जगह सह सर-कार्यवाह बनाया गया है.


जबकि डॉ कृष्णगोपाल, मनमोहन वैद्य, मुकुंद जी, रामदत्त को भी सह-सरकार्यवाह बनाया गया है. इसके अलावा भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री रामलाल को अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख बनाया गया है. जबकि अब तक भाजपा में रहे राम माधव को वापस संघ भेजा गया है. उन्हें कार्यकारिणी में जगह दी गई है.


दत्तात्रेय क्यों बनाये गए सरकार्यवाह?



दत्तात्रेय होसबोले संघ के ऐसे प्रचारक हैं, जो कन्नड़, तमिल, हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में धारा प्रवाह बोलने का मादा रखते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर हमेशा देश के प्रमुख मुद्दों पर मुखर रहे हैं. उन्होंने इंदिरा गांधी सरकार में देश पर थोपे गए आपातकाल का तीखा विरोध किया था. जिसके चलते उन्हें मीसा एक्ट में डेढ़ साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा था. संगठक के तौर पर हमेशा उन्होंने अग्रणी भूमिका अदा की है. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को सबसे मजबूत छात्र संगठन बनाने में अहम भूमिका निभाई. यही नहीं वह अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम(यूके) में हिंदू स्वयंसेवकों को एकजुट करने के लिए बने हिंदू स्वयंसेवक संघ के मेंटर की भूमिका भी निभा चुके हैं.


कर्नाटक के एक छोटे से गांव से निकले दत्तात्रेय होसबोले, अगले तीन वर्ष के लिए आरएसएस में अतिमहत्वपूर्ण नंबर दो का पद संभालेंगे. अभी तक वह संघ के सह सरकार्यवाह(ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी) का दायित्व देख रहे थे. इस दौरान उनका केंद्र लखनऊ रहा.


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में लोग उनका पूरा नाम लेने की जगह आदरपूर्वक 'दत्ताजी' कहकर ही पुकारते हैं. अंग्रेजी लिटरेचर से मास्टर्स की पढ़ाई करने वाले दत्तात्रेय होसबोले साहित्यिक गतिविधियों में काफी रुचि के लिए जाने जाते हैं.  संघ के एक पदाधिकारी ने आईएएनएस को बताया, " छात्र जीवन से ही दत्ताजी साहित्यिक गतिविधियों में रुचि लेते रहे. कर्नाटक के लगभग सभी प्रसिद्ध लेखकों और पत्रकारों के साथ उनकी निकटता रही, जिनमें वाई एन कृष्णमूर्ति और गोपाल कृष्ण जैसे प्रमुख नाम शामिल रहे. वह एक कन्नड़ मासिक भी संचालित कर चुके हैं."


कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोरबा तालुक के एक छोटे से गांव के दत्तात्रेय रहने वाले हैं. एक आरएसएस कार्यकर्ता के परिवार में 1 दिसंबर 1955 को जन्मे दत्तात्रेय होसबोले करीब 13 वर्ष की उम्र में वर्ष 1968 में संघ से जुड़े. आगे चलकर वह 1972 में संघ परिवार के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में चले गए. वर्ष 1978 में एबीवीपी के फुलटाइम कार्यकर्ता बन गए. दत्तात्रेय ने 15 वर्ष तक लगातार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रहकर इस संगठन को मजबूत बनाया. इस दौरान उनका केंद्र मुंबई रहा.


शिक्षा की बात करें तो दत्तात्रेय होसबोले की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई उनके गांव में हुई. वह कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए बेंगुलुरु पहुंचे और नेशनल कॉलेज में एडमिशन लिए. उन्होंने बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में मास्टर्स की शिक्षा ली.


साल 2009 में जब डॉ. मोहन भागवत संघ के सरसंघचालक बने तो दत्तात्रेय होसबोले को उन्हें अपनी टीम में सह-सरकार्यवाह(ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी) बनाया. लगातार 12 साल जिम्मेदारी निभाने के बाद शनिवार (20 मार्च 2021) को उन्हें सरकार्यवाह(जनरल सेक्रेटरी) पद पर सर्वसम्मति से चुना गया. दत्तात्रेय होसबोले, सुरेश भैयाजी जोशी का स्थान लेंगे, जो वर्ष 2009 से लगातार सरकार्यवाह की जिम्मेदारी देख रहे थे.


नई टीम:


1- दत्तात्रेय होसबले , सर कार्यवाह


2-रामलाल,  अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख


3-आलोक अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख


4-महेंद्र जी नए क्षेत्र प्रचारक बनाए गए (west up )


5-रमेश पप्पा,  सह संपर्क प्रमुख


6-सुनील आम्बेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख


7-अरुण कुमार, डॉ कृष्णगोपाल, मनमोहन वैद्य, रामदत्त, मुकुंद जी को सह सरकार्यवाह बनाया गया


7-सुरेश सोनी, राम माधव अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य