भोपाल: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में महिला सदस्यों के नहीं होने का मुद्दा उठाने को लेकर आरएसएस ने पलटवार किया है. आरएसएस ने कहा कि संघ के बारे में राहुल की समझदारी कम है और जो लोग उनको भाषण लिखकर देते हैं, वे भी संघ को ठीक से समझते नहीं हैं.


जो राहुल को स्क्रिप्ट लिखकर देते हैं, वे संघ को ठीक से नहीं समझते: वैद्य


आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने एक सवाल के जवाब में कहा, ''जो लोग राहुल को भाषण के स्क्रिप्ट लिखकर देते हैं, वे संघ को ठीक से समझते नहीं हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनकी (राहुल) समझदारी मुख्यत: या तो कम है या और अधिक बौद्धिक क्षमता के लोग वहां पर उन्हें लेने चाहिए, ताकि वह ठीक सवाल पूछ सकें.’’


गौरतलब है कि राहुल ने मंगलवार को वडोदरा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान पूछा था, ‘‘आपने कभी संघ की शाखा में महिलाओं को हाफ पैंट पहनकर जाते देखा है, मैंने तो नहीं देखा. राहुल बोले थे संघ की नजर में महिलाओं के लिए कोई स्थान नहीं है. संघ में एक भी महिला सदस्य नहीं हैं.’’ वैद्य से कहा गया कि राहुल गांधी ने कल एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि क्या महिलाओं को संघ की शाखाओं में देखा है? क्या इसके बाद अब महिलाओं को संघ में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा.


संघ का काम ही व्यक्ति निर्माण और समाज सेवा है: वैद्य


मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘‘संघ ने बहुत पहले से तय किया है कि संघ पुरूषों के बीच में काम करेगा. ये निर्णय करने का संघ को अधिकार है.’’ वैद्य ने बताया कि अब राहुल गांधी ने यह प्रश्न संघ की चिंता को लेकर किया है या महिलाओं की चिंता के लिए किया है, यह उन्हें पता नहीं. लेकिन संघ की चिंता उन्हें करने की जरूरत नहीं हैं. संघ अपनी चिंता खुद करेगा. उन्होंने बताया कि कांग्रेस और बीजेपी राजनीतिक दल हैं, जबकि संघ का कार्य ही व्यक्ति निर्माण और समाज सेवा का है. इसलिए कांग्रेस को बीजेपी से तुलना करनी चाहिए, न कि संघ से.


संघ राजनीतिक पार्टी नहीं है: वैद्य


वैद्य ने कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण और समाज सेवा का काम शाखा के माध्यम से देश भर में चलाता है. हमारे क्षेत्र में आज तक कोई और प्रतिस्पर्धी नहीं है. हम चाहते हैं कि इतना बड़ा समाज है, इतना बड़ा काम है और ये लोग (कांग्रेसी) भी व्यक्ति निर्माण और समाज सुधार के कार्य में आएं. उन्होंने कहा, ‘‘आज करीब 50000 से अधिक दैनिक चलने वाली शाखाओं के माध्यम से यह कार्य चल रहा है और कार्यकर्ताओं के परिश्रम, त्याग और बलिदान के आधार पर चल रहा है. इसमें सरकारीकरण नहीं है. संघ राजनीतिक पार्टी नहीं है, यह समझने की आवश्यकता है.’’


राहुल संघ की चिंता छोड़ दें और अपनी पार्टी की चिंता करें: वैद्य


वैद्य ने आरोप लगाया, ‘‘राहुल गांधी की नानी जी और उनके पिताजी ने जब वह बहुत पावरफुल थे, सत्ता उनके पास थी, तब भी संघ का विरोध करने का अनावश्यक प्रयास किया. क्या बिगड़ा हमारा. संघ तो बढ़ ही रहा है उनका (कांग्रेस) जनाधार कम हो रहा है. इसलिए राहुल संघ की चिंता छोड़ दें और अपनी पार्टी की चिंता करें, जो ज्यादा महत्व की बात है.’’ उन्होंने कहा कि संघ और कांग्रेस की तुलना करना विषय नहीं है. क्रिकेट और हाकी के मैच एक साथ खेलना संभव नहीं है. यदि क्रिकेट खेलना है तो दो क्रिकेट टीमों के बीच में मैच होगा और यदि हाकी खेलनी है तो दो हाकी टीमों के बीच में मैच होगा.


वैद्य ने बताया कि राहुल गांधी की तरफ से संघ का विरोध से संघ का तो कुछ नुकसान होने वाला नहीं है न कांग्रेस का काम बढ़ने वाला है. राहुल अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश करें. उन्हें चुनाव लड़ना है तो बीजेपी से लड़ना है उनके साथ बात करें.