नई दिल्ली: नवविवाहितों को पारंपरिक तरीके से परिवार चलाने को लेकर अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जानकारी देगा. आरएसएस नवविवाहित जोड़ों को पारंपरिक मूल्यों के साथ परिवार चलाने की ट्रेनिंग देगा. इसके लिए संघ ने ठाणे जिले के कलावा इलाके में 'कुटुंब प्रबोधन' नाम से इवेंट आयोजित करने की योजना बनाई है. इसमें कुल 20 नवविवाहित जोड़ों के हिस्सा लेने की उम्मीद है. जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम में नवविवाहित जोड़ों को भारतीय परंपरा के अनुसार परिवार चलाने के बारे में बताया जाएगा.


शहरीकरण ने बढ़ाईं चुनौतियां


इस दौरान पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों को बचाए रखने की सलाह जोड़ों को दी जाएगी. साथ ही उन्हें विवाह के बाद शीघ्र संतान पैदा करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा. कार्यक्रम के लिए संगठन द्वारा जारी पेंफलेट में बताया गया है कि भारतीय पारिवारिक प्रणाली हमारी परवरिश अच्छे तरीके से करती है लेकिन शहरीकरण और न्यूक्लियर फैमिली के बढ़ते चलन ने इसके सामने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी की हैं. ऐसे में रिश्तों में नाखुशी, बुजुर्गों में अकेलापन, तलाक जैसे दुष्परिणाम सामने आए हैं, संगठन ने दावा किया है कि वह अपने प्रोग्राम में इस तरह की समस्याओं के हल के बारे में नए जोड़ों को अवगत कराएगा.


आयोजकों ने इस कार्यक्रम में आयुर्वेदिक चिकित्सकों को भी बुलाया है जो इवेंट में शामिल जोड़ों को उत्तम संतान को लेकर सलाह देंगे. कार्यक्रम के एक आयोजक मनोज मासुरकर ने बताया कि आजकल बहुत से नवविवाहित जोड़े अपने करियर को ध्यान में रखते हुए संतान पैदा करने के फैसले को टाल देते हैं. इससे बाद में महिला को गर्भधारण में दिक्कतें होती हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा करने से कई बार मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. इस मद्देनजर इवेंट में जोड़ों को संतान के फैसले को न टालने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.


डिनर टेबल कन्वर्सेशन पर भी होगी बात


इसके अलावा कार्यक्रम में डिनर टेबल कन्वर्सेशन के बारे में भी बात की जाएगी. नव-विवाहित जोड़ों को यह सलाह दी जाएगी कि वह हफ्ते में कम से कम एक बार परिवार के साथ डिनर करनेकी कोशिश करें और इस दौरान यह भी प्रयास करें कि डिनर टेबर पर राजनीति, सिनेमा और क्रिकेट पर बात न की जाए. गौरतलब है कि संघ की ओर से यह कार्यक्रम पिछले तीन सालों सेआयोजित किया जा रहा है. पहले साल इस इवेंट में 16 जोड़ों ने भाग लिया था जबकि पिछले साल केवल 13 जोड़ों ने इसमें हिस्सा लिया. इस साल यह लक्ष्य 20 जोड़ों का रखा गया है.