दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया. पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे अंतिम सांस ली. रतन टाटा के निधन पर पूरे देश में दुख की लहर है. उनके निधन से टाटा मोटर्स के कर्मचारी भी काफी दुखी हैं. टाटा मोटर्स के कर्मचारियों ने कहा, आज का दिन हमारे लिए बेहद दुखद है, हमने कभी नहीं सोचा था कि कभी ये दिन भी आएगा. आज हमें ऐसा लग रहा है कि हमने अपने भाई या पिता को खो दिया. 


टाटा मोटर्स, पिंपरी चिंचवाड़ के महासचिव अजीत पायगुड़े ने कहा, टाटा मोटर्स के कई प्लांट हैं, लेकिन पुणे स्थान की अपनी एक अलग पहचान थी. जब रतन टाटा आते थे, तो सबसे पहले यूनियन से मिलने की बात करते थे. वे यूनियन का बहुत सम्मान करते थे. 

'हम रतन टाटा को कभी नहीं भूलेंगे'


अजीत ने बताया, ''रतन टाटा ने अपनी नौकरी के आखिरी दिन कर्मचारियों के साथ भोजन करने की इच्छा जाहिर की. वह एक 'देव पुरुष' थे. आज मुझे ऐसा लग रहा है कि हमारे बीच से हमारा कोई रिश्तेदार और पिता-तुल्य चला गया है. हम उनकी विरासत को जारी रखना चाहते हैं. रतन टाटा ने जो यूनियन कर्मचारियों के लिए किया उसे हम नहीं भूलेंगे. उन्होंने कोरोना महामारी में लोगों के लिए फंड दिया, उन्होंने जो किया है, वह दिल से किया. हम उन्हें कभी नहीं भूल सकते.'' 

रतन टाटा का निधन बुधवार रात को हुआ था. गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार मुंबई में किया जाएगा. इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को दक्षिण मुंबई में नरीमन प्वाइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. जहां उनके दर्शन के लिए भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी रतन टाटा के अंतिम दर्शन करने और श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई पहुंच रहे हैं. वे अंतिम संस्कार में भी शामिल होंगे. 


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