मुंबई हमले की 13वीं बरसी पर टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने 2008 के 26/11 हमले को याद करते हुए कहा कि जो प्रचंड विनाश आज के दिन 12 साल पहले हुआ था उसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. रतन टाटा ने अपने इंस्टाग्राम और ट्विटर एकाउंट पर लिखा कि जिन लोगों ने दुश्मनों से बचाने में हमारी मदद की, हमें उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए.


मुंबई हमले की बरसी पर ताज होटल के पेरेंट ग्रुप टाटा संस के पूर्व चेयमैन रतन टाटा ताज महल पैलेस होटल पर हुए हमले की इस घटना को अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम एकाउंट पर शेयर किया. उन्होंने उस दिन आतंकवाद और विनाश को खत्‍म करने के लिए सभी मतभेदों को भुलाकर एक साथ आने के लिए मुंबई के लोगों की सराहना की.





रतन टाटा आगे कहा कि 'हमने जिनको खोया, जिन्‍होंने दुश्‍मन पर जीत पाने के लिए कुर्बानियां दीं, आज हम जरूर उनका शोक मना सकते हैं. लेकिन हमें उस एकता, दयालुता के उन कृत्‍यों और संवदेनशीलता की भी सराहना करनी होगी जो हमें बरकरार रखनी चाहिए और उम्‍मीद है कि आने वालों में यह और बढ़ेगी ही.'


कुछ इसी तरह महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने भी अपनी भावनाएं ट्विटर पर साझा की. उन्होंने लिखा, 'मुंबईवासी 26/11 की रात को कभी नहीं भूल सकते, जब चारों ओर अनिश्चितता और असुरक्षा फैली हुई थी. मुझे लग रहा था, जैसे शहर और देश पर आक्रमण हो रहा था. लेकिन हफ्ते के अंत तक हम नेल्सन मंडेला के इस कोट के अनुसार जीवन को पटरी पर ला चुके थे, कि..मुंबई और भारत ने विजय प्राप्त की..'





गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे और गोलीबारी की जिसमें 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोग मारे गए थे जबकि अनेकों लोग घायल हुए थे. एनएसजी और अन्य सुरक्षाबलों ने 9 आतंकवादियों को ढेर कर दिया था तथा अजमल आमिर कसाब नाम के आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई.


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