पुरी: इस बार पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा अधूरी रह गई. तकनीकी कारणों से उनका रथ रास्ते में ही अटक गया. आगे की रथयात्रा रविवार सवेरे 9 बजे शुरू होगी. भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा का रथ गुंडीचा मंदिर पहुंच गया है. गुंडीचा मंदिर भगवान का ननिहाल माना जाता है, जहां वे अगले हफ़्ते भर रुकेंगे.


रथयात्रा में सबसे पहले बलभद्र, फिर सुभद्रा और सबसे आख़िर में जगन्नाथ जी का रथ श्री मंदिर से रवाना होता है. भारी बारिश के बीच बलभद्र और सुभद्रा का रथ गुंडीचा मंदिर पहुंच गया लेकिन जगन्नाथ जी के रथ को गुंडीचा मंदिर पहुंचने से पहले ही रोकना पड़ा.


बताया जा रहा है कि भगवान जगन्नाथ का रथ अपने रास्ते से भटक गया. वो थोड़ा टेढ़ा होते हुए आगे बढ़े, जिससे रथ सड़क के बाईं ओर अधिक खिसक गया. इससे रथ के रास्ते में सूचना केन्द्र आ गया. पुरी के डीएम अरविंद अग्रवाल ने बताया कि रविवार को पहले सूचना केन्द्र को तोड़ा जाएगा, फिर जगन्नाथ जी का रथ आगे बढ़ पाएगा.


रथ इतना भारी है कि उसे दायें खिसकाना असंभव है. फिर अंधेरा हो जाने और लाइट का उचित इंतज़ाम न होने से रथयात्रा बीच में ही रोकना पड़ा. जगन्नाथ जी का रथ अभी गुंडीचा मंदिर से दो सौ मीटर दूर है. ये रथ 16 पहियों पर बना है. लकड़ी से बने जगन्नाथ जी के रथ को नंदीघोष कहते हैं. इसे लोग मोटी रस्सियों के सहारे खींच कर तीन किलोमीटर दूर गुंडीचा मंदिर पहुंचाते हैं. तमाम विवादों के बीच 14 जुलाई को पुरी में निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा अब एक और विवाद में फंस गई.