बेंगलुरू: चीन से सटी एलएसी पर सैनिकों को राशन, केरोसिन ऑयल और दूसरे सामान की सप्लाई के लिए एचएएल ने आरयूएवी यानी रोटरी-यूएवी तैयार किया है. अभी तक 17-18 हजार फीट की उंचाई पर ये सप्लाई खच्चर, घोड़ों और ऊंट के जरिए की जाती है, जिसमें बहुत समय लगता है. इसीलिए हेलीकॉप्टर-ड्रोन को सेना की सप्लाई के लिए एचएएल ने तैयार किया है. एयरोइंडिया शो के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एचएएल पवेलियन के दौरे के दौरान इस आरयूएवी में खास दिलचस्पी दिखाई.


आपको बता दें कि चीन के पास पहले ही से इस तरह के आरयूएवी‌(रोटरी अनमैन्ड एरियल व्हीकल) हैं और एलएसी पर टकराव के दौरान चीन ने अपने आरयूएवी का एक वीडियो भी जारी किया था.


हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के डायरेक्टर (आर एंड डी) अरूप चैटर्जी ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में बताया कि अगले साल यानी जून 2022 तक ये आरयूएवी बनकर तैयार हो जाएगा और साल के अंत तक सेना को सौंप दिया जाएगा. क्योंकि इस रोटरी-यूएवी को थलसेना की जरूरत के हिसाब से तैयार किया गया है.


ये आरयूएवी 25-30 किलो तक का वजन उठा सकता है. ऐसे में सैनिकों के लिए राशन, खान-पीने का सामान, केरोसिन और स्मॉल-आर्म्स तक ये उठाकर ले जा सकता है. इस आरयूएवी की रेंज करीब 50 किलोमीटर तक है और 18-20 हजार फीट की उंचाई पर सेना की बीओपी यानी बॉर्डर आउट पोस्ट (चौकियों) तक सामान ले जाने में सक्षम है.


दरअसल, हाल ही में जब पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन से टकराव शुरू हुआ तो सैनिकों तक सप्लाई पहुंचाने के लिए भारत ने खच्चर, घोड़ों और ऊंट की मदद से सामान भिजवाया था. लेकिन इस सब से ज्यादा समय तो लगता ही है.


एयरो इंडिया के आखिरी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जब एचएएल के दौरे पर पहुंचे तो उन्होनें इस आरयूएवी के बारे में एचएएल के चैयरमैन, आर. माधवन और डायरेक्टर, अरूप चैटर्जी से पूरी जानकारी ली.


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