(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राष्ट्रहित के कामों में हमेशा आपका साथ दिया, आप भी हमारा साथ दें- अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि कोरोना काल में 'घर-घर राशन योजना' सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होनी चाहिए, क्योंकि राशन की दुकानें ‘सुपरस्प्रेडर’ हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर ‘घर-घर राशन’ योजना को रोकने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा, 'दिल्ली में अगले हफ्ते से घर-घर राशन पहुंचाने का काम शुरू होने वाला था, लेकिन अचानक केंद्र ने हमें रोक दिया. ये कहकर उन्होंने योजना खारिज कर दी कि हमने केंद्र से मंजूरी नहीं ली, लेकिन ये गलत है. हमने केंद्र से पांच बार अनुमति मांगी है.'
केजरीवाल ने आगे कहा, 'कानूनन किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है. लेकिन हम केंद्र से कोई विवाद नहीं चाहते थे, इसलिए अनुमति ली. आखिर राशन की होम डिलिवरी क्यों नहीं होनी चाहिए? आप राशन माफिया के साथ खड़े होंगे तो गरीबों के साथ कौन खड़ा होगा? उन 70 लाख गरीबों का क्या होगा जिनका राशन ये राशन माफिया चोरी कर लेते हैं.'
दिल्ली मुख्यमंत्री ने कहा, 'पिछले 75 साल से इस देश की गरीब जनता राशन माफियाओं का शिकार होती आई है. गरीबों के लिए कागज़ों पर राशन जारी होता है. मैंने साल 2008 में इन माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाई थी. नतीजा ये हुआ कि हमपर सात बार हमला हुआ था. हमारी एक बहन का गला काट दिया था, लेकिन उसकी जान बच गई थी. तब मैंने राशन माफियाओं को खत्म करने की कसम खाई थी. तब कभी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन मुख्यमंत्री बनूंगा. अगर घर-घर राशन की योजना लागू हो जाती है तो माफियाओं का राज खत्म हो जाएगा.'
सीएम केजरीवाल ने कहा-
- केंद्र सरकार के कहने पर स्कीम से ‘मुख्यमंत्री’ का नाम भी हटा दिया
- केंद्र सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट में राशन दुकानदारों के केस के चलते स्कीम को रोका जा रहा है
- राशन दुकानदार इस योजना के खिलाफ़ हाईकोर्ट ने स्टे देने से मना कर दिया था
- हमें आपस में नहीं लड़ना है, हम सबको मिलकर करोना से लड़ना है
- घर घर राशन पहुंचाना राष्ट्रहित का काम है
- राष्ट्रहित के कामों में हमेशा आपका साथ दिया, आप हमारा भी साथ दें
- 75 साल से आम आदमी राशन की लाइनों में खड़ा है, अगले 75 साल राशन की लाइनों में खड़ा मत कीजिए
क्या है घर-घर राशन योजना योजना?
दिल्ली सरकार के मुताबिक इस योजना के तहत, प्रत्येक राशन लाभार्थी को 4 किलो गेहूं का आटा (आटा), 1 किलो चावल और चीनी अपने घर पर प्राप्त होगा, जबकि वर्तमान में 4 किलो गेहूं, 1 किलो चावल और चीनी उचित मूल्य की दुकानों से मिलता है. योजना के तहत अब तक बांटे जा रहे गेहूं के स्थान पर गेहूं का आटा दिया जाता और चावल को साफ किया जाता, ताकि अशुद्धियों को दूर कर वितरण से पहले राशन को साफ-सुथरा पैक किया जा सके.
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