राशन डिलीवरी मामलाः केजरीवाल पर बीजेपी का पलटवार, कहा- सीएम दिल्ली की जनता को बरगला रहे हैं
संबित पात्रा ने कहा, 'केंद्र सरकार ने वन नेशन-वन राशन कार्ड का प्रावधान किया था. लेकिन दिल्ली की सरकार ने इस विषय पर आगे बढ़ने से मना कर दिया, जिस कारण हजारों मजदूर आज राशन लेने से वंचित रह गए हैं.'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर ‘घर-घर राशन’ योजना को रोकने का आरोप लगाया था. अब बीजेपी ने पलटवार करते हुए दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को बरगलाने की कोशिश की है. केजरीवाल ने राशन योजना पर झूठ बोला है. केंद्र सरकार होमस्टेप डिलीवरी राशन योजना को नहीं रोक रही है."
संबित पात्रा ने कहा, "केजरीवाल जी ने आज बात रखी है कि मोदी जी दिल्ली की गरीब जनता को उनके अधिकार से वंचित रख रहें और घर-घर राशन रोकने की कोशिश कर रहे हैं जबकि ऐसा नहीं हैं. मोदी जी नेशनल फूड सेक्यूरिटी एक्ट और पीएम गरीब कल्याण योजना द्वारा दिल्ली के जरूरतमंदों को राशन पहुंचा रहे हैं. दो योजनाओं के तहत दिल्ली को अनाज का कोटा मिला है. गेंहु पर दिल्ली सरकार का 2 रुपये, केंद्र का 23 रुपये खर्च होता है. चावल पर दिल्ली का 2, केंद्र का 33 रुपये खर्च होता है. दिल्ली सरकार किसी दूसरी योजना के तहत घर-घर राशन भेज सकती है."
संबित पात्रा ने बताया, मोदी सरकार ने दिल्ली को अभी तक नेशनल फूड सेक्यूरिटी एक्ट के अंतर्गत 37,400 मीट्रिक टन अनाज भेजा है और पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 5 जून तक 72,782 मीट्रिक टन अनाज भेजा है. दिल्ली 53,000 मीट्रिक टन अनाज ही उठा पाई है और इसका मात्र 68 फीसदी ही वो जनता को बांट पाए.
सीएम केजरीवाल ने क्या आरोप लगाया
राशन माफिया के तार बहुत ऊपर तक जुड़े हैं. राशन माफिया को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार घर-घर राशन पहुंचाने की स्कीम लागू करना चाहती है. दिल्ली में यह योजना अगले हफ्ते से लागू होने वाली थी. यह योजना लागू हो जाती तो राशन माफिया खत्म हो जाता. योजना लागू होने से ठीक एक हफ्ते पहले इसे खारिज करवा दिया गया. यह सब बातें रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कही है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक कानूनन इस योजना को लागू करने के लिए हमें केंद्र से अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन हम कोई विवाद नहीं चाहते, इसलिए हमने एक नहीं पांच पांच बार मंजूरी ली.
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