'EVM जिताए तो ठीक और हराए तो खराब'- राज्यसभा में केंद्र सरकार
नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद ईवीएम को लेकर मायावती, केजरीवाल और कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे. देश भर में इस मुद्दे पर काफी बहस हुई. आज केंद्र सरकार ने ईवीएम मुद्दे पर राज्यसभा में बयान दिया.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ईवीएम पर बोलते हुए कहा, ''जहां तक ईवीएम का सवाल है, जब तक ईवीएम जिताता है तो ठीक है, जब हराता है तो खराब है, दिल्ली और बिहार में क्या हुआ ? जनता जिताती या हराती है, बदलाव को विपक्ष स्वीकारे, जनता अगर हमें जिता रही है तो उसे समझिए, विपक्ष जनादेश का सम्मान करे.''
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''ईवीएम पर सबसे पहले 1990 में सवाल उठे, उस वक्त कमेटी ने ईवीएम के इस्तेमाल की बात कही थी. ईवीएम में इनवैलिड वोट नहीं हो पाता. साल 1962 से 1996 तक औसतन 62 से 70 सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवार के अंतर से ज्यादा इनवैलिड वोट थे." सरकार की तरफ से कहा गया कि ईवीएम की वजह से बूथ कैप्चरिंग गायब हो चुकी है. ईवीएम आने के बाद चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता आयी है.
ईवीएम में गड़बड़ी पर सरकार ने कहा, ''ईवीएम के निर्माण का जिम्मा देश की ही दो कंपनियों के नाम है. ईवीएम एक स्वतंत्र मशीन है और कंप्यूटर उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता.
सरकार की ओर से बताया गया कि अभी एक ईवीएम को बनाने में 17 हजार रुपये का खर्चा आता है. ईवीएम को और बेहतर बनाने के लिए चुनाव आयोग से बात चल रही है. प्रक्रिया विचार में है, कई छोटी पार्टियां हैं, उनके भी हित ध्यान में रखा जाना चाहिए.''