रविशंकर प्रसाद ने बिना नाम लिए शत्रुघ्न सिन्हा पर कसा तंज, कहा- मेरी एक जीत से कई आवाजें 'खामोश' हो गई
लोकसभा में आज तीन तलाक को अपराध बनाने वाला बिल चर्चा हो रही है, इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है.
नई दिल्ली: लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा हो रही है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद अपनी बात सदन में रख रहे हैं. इस दौरान चर्चा करते हुए उनका अलग अंदाज दिखा. उन्होंने तीन तलाक जैसे गंभीर मुद्दे पर बात करते हुए कई बार हल्के-फुल्के अंदाज में भी अपनी बात कही जिससे सदन में सांसदों के चेहरे पर मुस्कान आ गई.
कानून मंत्री ने कहा कि वह पहली बार जीतकर इस सदन पहुंचे हैं और उनकी एक जीत से कई आवाजें खामोश हो गई. रविशंकर प्रसाद ने अपने कथन में किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा पटना साहिब लोकसभा सीट से उनके खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले शत्रुघ्न सिन्हा की तरफ था.
तीन बार पटना साहिब से सासंद रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने इस बार बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था और पटना साहिब से ही चुनाव लड़ रहे थे. बीजेपी ने उनके खिलाफ रविशकर प्रसाद को उतारा था. रविशंकर प्रसाद यहां से पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे हैं.
सदन में तीन तलाक पर चर्चा के दौरान क्या कहा
लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल को सदन में चर्चा के लिए रख दिया है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक की पीड़ित मुस्लिम बहनों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. इसके बाद कोर्ट ने फैसला देते हुए तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था. इसके बाद कोर्ट ने इस शरिया के खिलाफ भी बताया था. कोर्ट ने अपने फैसले में इस पर कानून बनाने की मांग की और अन्य मुस्लिम देशों को भी देखा जहां शरिया को बदला गया है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोर्ट की कड़ी टिप्पणी और कानून के बाद भी यह मामले रुके नहीं है और 574 मामले आए हैं और कोर्ट के फैसेल के बाद भी तीन सौ से ज्यादा मामले आए हैं.
कानून मंत्री ने कहा,'' क्या मुस्लिम बहनों को ऐसी हालत में अकेला छोड़ देना चाहिए. दुनिया के 20 इस्लामिक देशों ने तीन तलाक को बैन किया है तो भारत क्यों नहीं कर सकता. सुप्रीम कोर्ट इसे गलत बता चुका है, कानून बनाने का आदेश भी दिया है, अब क्या कोर्ट के फैसले को पीड़ित बहने घर में टांगे, कोई कार्रवाई नहीं होगी.''
प्रसाद ने कहा कि भारत के संविधान में लैंगिक न्याय एक मूल दर्शन है और किसी समाज की महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए. कानून मंत्री ने कहा कि सरकार के लिए लैंगिक न्याय एक अहम मुद्दा है और इसके लिए कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.
यह भी देखें