जासूसी मामला: व्हाट्सएप से मांगा भारत सरकार ने जवाब, पूछा- कैसे हुई जासूसी
सरकार के सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि भारत सरकार मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर अपने नागरिकों की निजता के उल्लंघन से चिंतित है.
नई दिल्ली: व्हाट्सएप की जासूसी मामले में भारत सरकार ने चिंता जाहिर की है. सरकार के सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि "भारत सरकार मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर अपने नागरिकों की निजता के उल्लंघन से चिंतित है. हमने व्हाट्सएप से इस बारे में जानकारी मांगी है कि किस तरह की निजता के उल्लंघन भारतीय नागरिकों के साथ हुए हैं और उनकी सुरक्षा के लिए व्हाट्सएप ने क्या कदम उठाए हैं."
Government of India is concerned at the breach of privacy of citizens of India on the messaging platform Whatsapp. We have asked Whatsapp to explain the kind of breach and what it is doing to safeguard the privacy of millions of Indian citizens. 1/4 pic.twitter.com/YI9Fg1fWro
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 31, 2019
बयान में आगे कहा गया है कि भारत सरकार अपने नागरिकों की निजता और सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है. देश हित में भारत सरकार ने फोन इंटरसेप्ट करने के स्थापित मानदंड और प्रोटोकॉल हैं जिसके तहत भारत और राज्य सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों से मंजूरी और निरीक्षण के बाद ही ऐसा किया जाना संभव है. जो लोग इसमें राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहे हैं उनको यह बताना चाहते हैं कि यूपीए सरकार के समय तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के दफ्तर में जासूसी की गई थी. इसके अलावा तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह की भी जासूसी की गई थी. यह वह लोग हैं जो गणमान्य और कुछ पदों पर तैनात थे और यह सब एक परिवार की सनक और पसंद को ध्यान में रखकर किया गया था."
Govt is committed to protecting privacy of all Indian citizens.Govt agencies have a well established protocol for interception, which includes sanction and supervision from highly ranked officials in central & state governments, for clear stated reasons in national interest. 2/4 pic.twitter.com/atiSqXl9Wf
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 31, 2019
केंद्रीय सूचना और तकनीकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. इससे पहले दोपहर में जब रविशंकर प्रसाद अपने दफ्तर पहुंचे तो आनन-फानन में उन्होंने व्हाट्सएप के जरिए भारतीय नागरिकों की जासूसी मामले पर बैठक बुलाई. बैठक में उन तमाम मसलों पर विस्तार से चर्चा हुई जिनकी जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सामने आई थी. मंत्रालय ने फैसला लिया कि इस बार मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप से तुरंत जवाब मांगा जाए, और उसके बाद मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप को जवाब देने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया.
Those trying to make political capital out of it need to be gently reminded about the bugging incident in the office of the then eminent Finance Minister Pranab Mukherjee during UPA regime. Also a gentle reminder of the spying over the then Army Chief Gen. V. K. Singh. 3/4 pic.twitter.com/d5CqIKK7jG
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 31, 2019