नोएडा: मल्टीनेशनल कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर सात लाख के पैकेज पर काम करने वाले 38 साल के रविकांत की नौकरी लॉकडाउन में चली गई. अब 'राउंड द कॉर्नर' नाम का एक छोटा सा फूड स्टॉल उन्होंने नोएडा के सेक्टर 19-A ब्लॉक मार्केट में लगाया है, जिससे वो अब अपना घर चला रहे हैं.


रविकांत कहते हैं, “मेरी नौकरी लॉकडाउन के दौरान चली गई थी. टूरिज्म सेक्टर में काम करता था, जिस पर कोरोना वायरस का सबसे ज़्यादा असर पड़ा है. टूरिज्म बिल्कुल खत्म हो गया. इन बाउंड टूरिज्म सेक्टर में था, जिसमें मैं भारत आने वाले लोगों के लिए पैकेज बनाता था. मुझे नहीं लगता टूरिज्म में अगले साल तक भी कुछ बेहतर होगा. इसलिए मैंने कुछ और काम करने का विचार किया.”


इसके साथ ही उन्होंने कहा, “7 लाख का पैकेज था मेरा.  लॉकडाउन के बाद बहुत मुश्किल हो गया परिवार चलाना. मेरी बेटी 12 साल की है और प्राइवेट कैम्ब्रिज स्कूल में पढ़ती है. उसकी फीस निकालना और बुज़ुर्ग मां-बाप के दवाई के खर्चे इत्यादि निकालना बहुत मुश्किल था. लेकिन मैंने किसी तरह से मैनेज कर लिया. मैंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी.”


रविकांत के मुताबिक, “कुछ भी ठीक तभी होता है, जब आप ठीक करना चाहते हैं. मुझे कर्ज लेना पड़ा.  मै पर्सनल लोन की ईएमआई नहीं दे पा रहा था, बैंक वाले घर आ रहे थे क्या करता? मुझे पहले से खाना बनाना अच्छा लगता था. मेरा सपना था कि कैफे खोलूं, लेकिन कैफे खोलने के पैसे नहीं थे.”


वे आगे कहते हैं, “एक मल्टीनेशनल कंपनी, एयर कंडीशन और आरामदायक ज़िन्दगी से सड़क पर आकर खड़े होना बहुत मुश्किल होता है. पहले दिन थोड़ी शर्म आती थी. लेकिन सिर पर इतनी ज़िम्मेदारियां हो तो कुछ नहीं सूझता. 15 दिन हुए हैं स्टॉल लगाए हुए. मैंने अपने सामान का दाम भी कम रखा है. मैं महंगा बेचूंगा तो लोग खरीद नहीं पाएंगे, मुश्किल दौर सबके लिए है.”


वहीं उनकी बेटी नव्या कहती हैं, “मै सुबह में ऑनलाइन क्लास अटेंड करती हूं. शाम को पापा की मदद करने आती हूं. पापा पहले भी बहुत अच्छा खाना बनाते थे.”