कांग्रेस को क्यों करना चाहिए राहुल गांधी का विरोध? रवनीत सिंह बिट्टू ने बता दी वजह
जयपुर में एक खेल कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मंत्री बिट्टू से राहुल गांधी के खिलाफ उनके बयान के बारे में सवाल पूछा गया था. हालांकि, मंत्री ने इस सवाल पर कुछ नहीं कहा.
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने सोमवार (23 सितंबर) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर की गई अपनी टिप्पणी का बचाव किया. रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को विरोध करना है तो राहुल गांधी का करना चाहिए.
रवनीत सिंह बिट्टू ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा, ''राहुल गांधी तो खुद कितनी बार गुरुद्वारा दरबार साहिब जाते हैं, कौन रोकता है? इसलिए यह पार्टी की बात नहीं है, पार्टी से ऊपर की बात है.'' बिट्टू ने कहा, ''आप कोई भी एक आदमी बताओ. किसने हमें कड़ा पहनने से रोका है? किसने हमें पगड़ी बांधने से रोका है? किसने हमें गुरुद्वारे जाने से रोका है? इसलिए अगर कांग्रेस को विरोध करना है तो राहुल गांधी का करना चाहिए.''
प्रदर्शनकारी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बसों में बैठा ले गई पुलिस
जयपुर में एक खेल कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मंत्री बिट्टू से राहुल गांधी के खिलाफ उनके बयान के बारे में सवाल पूछा गया था. वहीं, इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिट्टू के खिलाफ सीबीआई फाटक क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस उन्हें बसों में बैठाकर ले गई.
उन्होंने कहा, ''इसमें कांग्रेस या भाजपा की बात नहीं है. बात पंजाब व सिखों की है.'' हालांकि मंत्री ने इस सवाल पर कुछ नहीं कहा कि वह राहुल गांधी के खिलाफ अपने बयान पर कायम हैं या नहीं. रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री बिट्टू जगतपुरा शूटिंग रेंज में 57वीं अंतर रेलवे निशानेबाजी प्रतियोगिता का उद्घाटन करने आए थे.
'बयान वापस लें राहुल गांधी'- बीजेपी
इससे पहले बीजेपी ने कई सिख समूहों के संयुक्त बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से वह बयान वापस लेने को कहा जिससे कथित तौर पर देश में भय का माहौल पैदा हो गया है. बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कई सिख और गुरुद्वारा प्रबंधन निकायों ने इस मुद्दे पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि सिखों के बलिदान ने देश को मजबूत बनाया है.ट
बीजेपी ने अमेरिका यात्रा के दौरान गांधी की इस टिप्पणी के लिए उन पर निशाना साधा है कि भारत में चल रही वैचारिक लड़ाई में विभिन्न धर्मों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना भी शामिल है, जैसे कि क्या सिखों को पगड़ी पहनने या गुरुद्वारों में जाने की अनुमति होगी.
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