नई दिल्ली: देश की बड़ी खुफिया एजेंसी रॉ ने सीमा पर चीन की गतिविधियों को लेकर सेना को आगाह किया है. अपनी रिपोर्ट में रॉ ने कहा है कि भारतीय वायुसेना की गगनशक्ति एक्सरसाइज से बौखलाए चीन ने भारतीय सीमा पर तीन बड़े एयरपोर्ट्स का सैन्य-आधुनिकिकरण शुरू कर दिया है. चीन के टोही विमान पूरी भारतीय सीमा पर निगरानी कर रहे हैं और वायुसेना की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.


एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक, चीन ने भारतीय सीमा से सटे अपने तीन बड़े हवाई अड्डे, होटान, होपिंग और ल्हासा लद्दाख से सटे होटान एयरबेस पर चीन ने कई बड़े हैंगर तैयार किए हैं. वायुसेना इन हैंगर्स का इस्तेमाल अपने लड़ाकू विमान खड़ा करने और दुश्मन से सुरक्षित करने के लिए इस्तेमाल करती है. इसी तरह तिब्बत की राजधानी ल्हासा में तो चीनी वायुसेना (यानि पीएल-एएफ) ने पहाड़ों के बीच में हैंगर बनाए हैं (माउंटन-हैंगर). होपिंग एयरफील्ड परमें चीन ने अतिरिक्त रनवे बनाए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा विमानों के ऑपरेशन एक समय में किए जा सकें.


आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय वायुसेना ने टू-फ्रंट यानि चीन और पाकिस्तान सीमा पर एक साथ अबतक की सबसे बड़ी एक्सरसाइज, गगनशक्ति (8-23 अप्रैल) की थी. इस युद्धभ्यास में भारतीय वायुसेना ने करीब 11 हजार सोर्टि्ज यानि उड्डानें भरी थी. इस एक्सरसाइज के बाद चीन की मीडिया में भी गगनशक्ति और भारतीय वायुसेना की तुलना अमेरिकी वायुसेना से की गई थी. सूत्रों के मुताबिक उसके बाद से ही चीनी वायुसेना ने अपनी गतिविधियां भारतीय सीमा से सटे इलाकों में काफी बढ़ा दी हैं.


रिसर्च एंड एनेलेसिस विंग यानि रॉ देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी है जो दूसरे देशों की सैन्य और गुप्त कारवाईयों पर नजर रखती है और समय समय पर सेना और सरकार को अलर्ट जारी करती है.


रॉ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी टोही विमान भारतीय सीमा से खुफिया जानकारी इकठ्ठा कर रहे हैं. चीन के टीयू-154 विमान चेंगदू से लेकर लिंगजी, ल्हासा, गोंगा और होटन के बीच में लगातार लंबी उड़ानें भर रहे हैं.


खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के आईएल-76 मालवाहक विमान अपने एंडियूरेंस यानि क्षमता मापने के लिए डांगयांग और यानहू से हैनान द्वीप तक उड़ाने भर रहे हैं. गौरतलब है कि गगनशक्ति एक्सरसाइज के दौरान भारतीय सैन्य विमानों ने असम के झबुआ से अंडमान निकोबार और इंडोनेशिया के मलक्का-स्ट्रेट तक उड़ानें भरने का अभ्यास किया था.


भारतीय खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने अपनी रडार प्रणाली को सतह से आकाश में मार करने वाली मिसाइलों से जोड़कर भी अभ्यास किया है. ये अभ्यास हाल में दो बार किया गया.


चीन इस बात से भी चिंतित है कि कुछ दिन पहले ही उसके फीफ्थ जैनेरेशन स्टील्थ एयरक्राफ्ट जे20 को भी भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान, सुखोई तक ने ट्रैक कर लिया था. जबकि स्टील्थ एयरक्राफ्ट को कोई लड़ाकू विमान तो क्या कोई रडार भी नहीं पकड़ पाती है.


इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, पीएलए सेना की आर्टिलरी ब्रिगेड यानि तोपखाने ने भी गगनशक्ति के बाद रियल टाइम कॉम्बेट एक्सरसाइज की है.