Raza Academy Letter To President: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और असम (Assam) में मदरसों (Madrasas) के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मुस्लिम संगठन (Muslim Organisation) रजा अकादमी (Raza Academy) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में रजा अकादमी ने मदरसों के खिलाफ कार्रवाई को बंद करने की गुहार लगाई है. इसके साथ ही रजा अकादमी ने मदरसों के बच्चों को स्कूली बच्चों को मिलने वाले स्टेटस की मांग की है.
राष्ट्रपति को लिखे पत्र में रज़ा अकैडमी ने कहा कि किसी भी एक व्यक्ति के गुनाहों की सज़ा उस एक व्यक्ति को मिलना चाहिए उस पूरे मदरसे को तोड़ना गलत है. मदरसा किसी का व्यक्तिगत नहीं होता वो पूरी कम्युनिटी का होता है इसलिए एक व्यक्ति के अपराध की सज़ा उस पूरी कम्युनिटी को नहीं दिया जाना चाहिए.
बदनाम करने वालों के खिलाफ हो कानूनी कार्रवाई
अकादमी ने चिट्ठी में कहा है कि कोर्ट के बिना आदेश के अगर कोई सरकारी संस्था किसी मदरसा को तोड़ती है तो उनके खिलाफ सख्त करवाई होनी चाहिए. जो स्टेटस स्कूली बच्चों को मिलता है, मदरसों के बच्चों को वही स्टेटस दिया जाना चाहिए. मदरसों के खिलाफ़ किसी भी प्रोपेगैंडा या उसे बदनाम करने वालों के खिलाफ कानूनी करवाई होनी चाहिए.
मदरसों का ही सर्वे क्यों, आरएसएस का क्यों नहीं
इससे पहले रजा अकादमी (Raza Academy) के सचिव खलील उर रहमान (Khaleel Ur Rahman) ने कहा था कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सरकार पर सिर्फ मुसलमान (Muslims) ही निशाने पर हैं. ये लोग सिर्फ मदरसों का ही सर्वे (Madrasas Survey) क्यों करा रहे हैं, आरएसएस (RSS) की शाखाओं का सर्वे क्यों नहीं करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस की शाखाओं में बहुत से हथियार मिल जाएंगे. वहां बहुत सी एक्टिविटी होती हैं. आरएसएस ने बम ब्लास्ट (Bomb Blast) करवाए हैं. क्या उधर भी बुलडोजर (Bulldozer) चलेगा? उन्होंने कहा कि अगर उंगली का नाखून बढ़ जाता है तो उसका नाखून काटा जाता है न कि पूरी उंगली ही काट देते हैं.
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