नई दिल्लीः कल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मुंबई के पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) पर छह महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. इसके तहत इस बैंक के खाताधारक अगले 6 महीने तक हर रोज अपने अकाउंट से सिर्फ एक हजार रुपये ही निकाल सकेंगे. आरबीआई ने इसके साथ ही बैंक पर ग्राहकों को किसी भी तरह का लोन देने से भी रोक दिया है. आरबीआई ने बैंक पर ये कार्रवाई अनियमितता बरतने के आरोप में की है. इसके बाद से ही बाजार और सोशल मीडिया में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है कि आरबीआई कुछ और बैंकों को बंद करने वाला है या प्रतिबंध लगाने वाला है. हालांकि आरबीआई ने इन तमाम अटकलों पर लगाम लगाने के लिए साफ कर दिया है कि आरबीआई किसी बैंक को बंद करने नहीं जा रहा है.


आरबीआई ने साफ-साफ कहा है कि सोशल मीडिया पर ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई कुछ कमर्शियल बैंकों को बंद करने जा रहा है जो कि पूरी तरह गलत हैं.





इसके अलावा इन फैलती अफवाहों को रोकने के लिए वित्त सचिव राजीव कुमार भी सामने आए हैं और उन्होंने आरबीआई द्वारा कुछ बैंकों को बंद किए जाने की अफवाहों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी अफवाहें हैं कि आरबीआई कुछ बैंकों को बंद करने जा रहा है. किसी भी सरकारी बैंक को बंद करने का सवाल ही नहीं उठता है और वो विश्वास का प्रतीक हैं. इसकी बजाए सरकारी बैंको को सरकार के जरिए और मजबूत किया जा रहा है, उनके लिए आर्थिक सुधार किए जा रहे हैं और उनमें पूंजी डाली जा रही है जिससे कि वो अपने ग्राहकों की बेहतर सेवा कर सकें.





साफ है कि देश की आर्थिक स्थिति को लेकर लोगों के मन में काफी शंकाएं हैं और सरकार को भी इस बात की जानकारी है. पीएमसी बैंक के हालिया घटनाक्रम के बाद से तो बैंकिग सिस्टम को लेकर भी लोगों का विश्वास डोल रहा है. हालांकि आरबीआई और सरकार की तरफ से इन शंकाओं को दूर करने के लिए बयान जारी किए जा रहे हैं लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ये प्रयास और जोरशोर से किए जाने चाहिए जिससे लोगों का भरोसा अर्थव्यवस्था और आर्थिक स्थिति पर बना रहे.



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