नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने डिविडेंड और सरप्लस कोष की मद से 1.76 लाख करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर करने का फैसला लिया है. आरबीआई के निदेशक मंडल ने सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने को मंजूरी दे दी है. रिजर्व बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया है.
समिति का गठन रिजर्व बैंक के कारोबार के लिए आर्थिक पूंजी /बफर पूंजी के उपयुक्त स्तर के निर्माण तथा आवश्यकता से अधिक पड़ी पूंजी को सरकार को ट्रांसफर करने के बारे में सिफारिश देने के लिये किया गया था. इसके तहत रिजर्व बैंक ने बिमल जालान समिति की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और 1.76 लाख करोड़ रुपये की अधिशेष राशि सरकार को देने को मंजूरी दे दी है.
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि आरबीआई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 1,76,051 करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर करने का फैसला किया है. इसमें 2018-19 के लिये 1,23,414 करोड़ रुपये के अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्रावधान के रूप में चिन्हित किया गया है. यह अतिरिक्त प्रावधान की यह राशि आरबीआई की आर्थिक पूंजी से संबंधी संशोधित नियमों (ईसीएफ) के आधार पर निकाला गया है.
रिजर्व बैंक से सरकार को मिलने वाली 1.76 लाख करोड़ रुपये की राशि में 1.23 लाख करोड़ रुपये अधिशेष कोष के तथा 52,637 करोड़ रुपये की राशि केंद्रीय बैंक की पूंजी के किए तय किए गए संशोधित नियमों के बाद आवश्यकता से अधिक प्रावधानों से निकली है.