मुंबई: यस बैंक संकट को लेकर बड़ी खबर सामने आयी है. आरबीआई ने यस बैंक को बचाने के लिए रिकंट्रक्शन प्लान पेश कर दिया है. इस पर बैंक के शेयर होल्डर्स, निवेशकों और यस बैंक और एसबीआई से से सुझाव मांगे गए हैं. आरबीआई ने इस 'यस बैंक रिकंट्रक्शन स्कीम 2020' नाम दिया है. आरबीआई ने इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं.
आरबीआई ने अपनी रिकंट्रक्शन स्कीम में बताया है कि एसबीआई को बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी लेनी होगी. यह अधिग्रहण तीन साल के लिए होगा, तीन साल बाद वो हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से नीचे कर सकते हैं. इसके साथ ही अधिग्रहण करने वाले बैंक एसबीआई को यस बैंक के शेयर 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से लेने होंगे.
इसमें दो रुपये फेस वैल्यू होगी और आठ रुपये प्रीमियम वैल्य़ू. इसके साथ ही सबसे बड़ी बात तो आरबीआई ने इस रिकंट्रक्शन स्कीम के तहत कही है वो यह है कि यस बैंक के सभी कर्मचारियों की नौकरी पर कोई खतरा नहीं है. उन्हें जो भी सुविधाएं मिलती रही हैं वो मिलती रहेंगी.
यस बैंक के पूर्व सीईओ के खिलाफ लुक आउट नोटिस, छापेमारी
स बैंक के संस्थापक और पूर्व CEO राणा कपूर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो गया है. राणा कपूर अब देश छोड़ कर नहीं जा सकते. वहीं प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने मुंबई में देर रात राणा कपूर के घर पर छापा मारा. कपूर का घर मुंबई के वर्ली इलाके में है. रात भर ईडी की टीम ने राणा कपूर से पूछताछ की है. खबर लिखे जाने के दौरान भी ईडी की टीम राणा कपूर के घर में थी. सूत्रों के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के जुड़े सबूतों की तलाश में दस्तावेजों को खंगाल रही है.
कपूर ने निजी संबंधों पर दिए बड़े बड़े लोगों को लोन
राणा कपूर के खिलाफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर चुकी है. आरोप है कि राणा कपूर ने यस बैंक के जरिए मनमाने तरीके से मोटे लोन बांटे. लोन देने और उसे वसूल करने की प्रक्रिया अपने हिसाब से तय की. ये लोन राणा कपूर ने अपने निजी संबंधों के आधार पर बड़े बड़े लोगों को लोन दिए. 2017 में यस बैंक ने 6,355 करोड़ रुपए की रकम को बैड लोन में डाल दिया था.
राणा की बिल्डिंग में नीरव मोदी का भी फ्लैट
वर्ली की जिस समुद्र महल बिल्डिंग में राणा कपूर का घर है. उसमें देश के कई नामी कारोबारियों के भी फ्लैट हैं. उस नीरव मोदी का भी इसमें फ्लैट है. जो 10 हजार करोड़ से ज्यादा के पीएनबी घोटाले में देश छोड़कर भाग चुका है. इसके अलावा कई नामी कंपनियों के गेस्ट हाउस इसी बिल्डिंग में हैं. समुद्र महल मुंबई की ऐसी पहली बिल्डिंग है. जिसने 1 लाख प्रति स्क्वेयर फीट की कीमत को जब छुआ था. तो ये खबर हर तरफ सुर्खियां बनी थी.
वित्त मंत्री बोलीं जल्द सब कुछ ठीक हो जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि बैंक में इन कठिनाइयों का क्या कारण है, इसका आंकलन होगा. इसके साथ ही समस्या के लिए व्यक्तिगत रूप से कौन ज़िम्मेदार हैं, उनकी पहचान की जाएगी. सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से यह पता लगाने के लिए कहा है कि येस बैंक में क्या गलत हुआ और इसमें व्यक्तिगत स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिये. उन्होंने कहा कि कर्ज के जोखिम भरे फैसलों का पता चलने के बाद रिजर्व बैंक ने येस बैंक प्रबंधन में बदलाव का सुझाव दिया.
क्या यस बैंक का पूरा मामला?
गुरुवार को डूबते YES बैंक को बचाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है. फिल्हाल 3 अप्रैल तक रकम निकासी कि सीमा 50,000/- तक तय कर दी गई है. यहां बता दे कि निवेशक हर रोज़ 50000 तक नही बल्कि 3 अप्रैल तक कुल इतनी राशि निकाल सकेंग.
हलांकि विशेष परिस्थितियों में निकासी की सीमा ₹5 लाख तक कि तय कि गई है. पढ़ाई, इलाज और शादी के लिए ज्यादा रकम निकाले जा सकेंगे. 3 अप्रैल तक रकम निकासी की लिमिट जारी रहेगी. इधर यस बैंक की वित्तीय हालत सुधारने के लिए RBI ने अगले एक महीने के लिए बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का टेकओवर कर लिया है. बैंक का पुनर्गठन 3 अप्रैल से पहले कर दिया जाएगा.