नई दिल्ली30 दिसम्बर तक अपने बैंक खाते में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने को लेकर अब ना तो कोई पाबंदी होगी और ना ही सवाल जवाब किया जाएगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान के बाद रिजर्व बैंक ने नए नियम वापस लेने का फैसला किया. नोटबंदी के बाद 43 दिनों मे ये 60 वां मौका है जब नियमों में बदलाव किया गया.


रिजर्व बैंक ने एक बार फिर अपने कदम पीछें खीचते हुए 19 दिसंबर का अपना फरमान वापस ले लिया. ताजा जारी सर्कुलर में केंद्रीय बैंक ने 19 दिसम्बर के अपने दिशानिर्देशों के दो प्रावधानों को नहीं लागू करने की बात कही है.


इसके बाद


- 30 दिसम्बर तक 500 और 1000 रुपये के जितने नोट चाहे जमा करा सकते हैं, इसके लिए ना तो कोई सीमा होगी और ना ही कोई पूछताछ


- नया नियम केवल केवाईसी यानी नो योर कस्टमर नियमो को पुरा करने वाल

- बैंक खातों के लिए लागू होगा. मतलब ये कि खाते में पैन की जानकारी दी गयी हो और पता व पहचान के पुख्ता सबूत हो.

वैसे तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार रात को सफाई दे दी थी कि लोगों से जवाब तलब नहीं होगा. लेकिन वित्त मंत्री की इस बात को
रिजर्व बैंक तक पहुंचने में करीब 36 घंटे का समय लगा और उसके बाद ही रिजर्व बैंक ने नया निर्देश जारी किया. इस दौरान लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी और कई जगहों पर तो बैंकों ने लोगों से पुराने नोट लिए ही नहीं.

विवाद की जड़

दरसअल, इस पूरे विवाद की जड़ रिजर्व बैंक के वो दिशानिर्देश थे जिसमें कहा गया था कि

-30 दिसम्बर तक 5000 रुपये से ज्यादा के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट सिर्फ एक ही बार बैंक खाते में जमा कराए जा सकेंगे.

- जमा कराने वक्त जमाकर्ता से दो बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में पूछा जाएगा कि आखिरकार अब तक पैसा क्यों नहीं जमा कराया गया. जवाब संतोषजनक होने के बाद ही पैसा जमा होगा.

- जमाकर्ता की ओर से दी गई जानकारी दस्तावेजों में दर्ज की जाएगी, ताकि बाद में उस तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हो.

- 5000 रुपये से ज्यादा के पुराने नोट बगैर किसी सीमा के एक बार में जमा कराने की सुविधा सिर्फ उन्ही बैंक खातों पर लागू होगी जो केवाईसी यानी नो योर कस्टमर की शर्तों को पूरा करता है

- 5000 रुपये से कम के पुराने नोट जमा कराने के मामले की भी व्यवस्था भी आसान नहीं.

- मसलन, 30 दिसम्बर तक 5000 रुपये से कम के पुराने नोट जितनी बार चाहे जमा करा सकते हैं

- लेकिन जैसी ही कुल जमा 5000 रुपये के पार हो जाएगी, फिर वो पूछताछ और एक ही बार जमा कराने की शर्त लागू हो जाएगी.

रिजर्व बैंक के इन दिशानिर्देशों से बैंकों में भी असमजंस की स्थिति बनी. बैंककर्मियों का कहना था कि पहले ही नगदी को लेकर उन्हें ग्राहकों की नाराजगी झेलनी पड़ी, सवाल-जवाब पर तो कई ग्राहक काफी ज्यादा गुस्से में थे. और तो और बढ़ते काम के बीच सवाल जवाब के लिए अलग से अधिकारी तैनात करना भी आसान नहीं था. फिलहाल, रिजर्व बैंक के नए निर्देश आने के बाद उन्हें उम्मीद है कि वो बेहतर तरीके से ग्राहक सेवा मुहैया करा सकेंगे.

वैसे ध्यान रहे कि बैंक खाते में तो आप पैसा 30 दिसम्बर तक ही जमा करा सकते है. इसके बाद भी अगर आपके पास 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बच जाते हैं तो 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच रिजर्व बैक के देश भर में फैले 27 दफ्तरों में कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद ही जमा कराने की सुविधा मिलेगी.

 बैंक में क्यों पूछे जा रहे थे सवाल ?


सरकार की मनाही के बावजूद अब भी बैंक सवाल पूछ रहे थे. इसकी वजह यह है कि बैंक रिजर्व बैंक के अधीन काम करते हैं और रिजर्व बैंक एक स्वायत्त संस्था है.


पांच हजार से ज्यादा जमा करने पर सवाल नहीं पूछले वाला नोटिफिकेशन अभी रिजर्व बैंक ने जारी नहीं किया है और इसी वजह से बैंक अधिकारी अभी लोगों से सवाल-जवाब कर रहे हैं. अब रिजर्व बैंक की तरफ से नॉटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, जिसके बाद बैंकों में होने वाले सवाल-जवाब बंद हो जाएंगे.