देश में बढ़ते कोरोना केस के बीच RBI गवर्नर का लॉकडाउन की आशंका से इंकार, कही ये बड़ी बात
देश में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. कई राज्यों में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू भी लगाया गया है. वहीं अब लोगों के बीच दोबारा लॉकडाउन लगाए जाने के लेकर घबराहट बनी हुई है. ऐसे में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि लॉकडाउन की आशंका नहीं है.
देश में तेजी से कोरोना वैक्सीन अभियान चल रहा है. अब तक सवा पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है लेकिन संक्रमण का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन कोविड-19 मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी जा रही है. पिछले 24 घंटे में करीब पांच महीने (153 दिन) बाद रिकॉर्ड पहली बार 53 हजार से ज्यादा कोरोना केस आए हैं. जो इस साल एक दिन में दर्ज किए गए सबसे ज्यादा मामले हैं. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी माना है कि देश में एक बार फिर कोविड -19 के मामले तेजी से बढ़ रहे है और यह बेहद चिंताजनक है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इस बार देश महामारी को संभालने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है.
इस बार स्थिति से निपटने के लिए दिया जा रहा है जोर
दिल्ली में आयोजित इंडियन इकोनॉमी कॉन्क्लेव (IEC) 2021 में आरबीआई प्रमुख ने कहा कि, “ देश में COVID-19 मामलों में नए सिरे से वृद्धि चिंता का विषय है, लेकिन हम इस बार स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त जोर दे रहे हैं.”
केंद्रीय बैंक प्रमुख ने यह भी कहा कि आरबीआई प्राइस स्टेबिलिटी और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को संरक्षित करते हुए इकोनॉमी रिकवरी को सपोर्ट करने के लिए सभी पॉलिसी टूल्स का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है.
नही लगाया जाएगा लॉकडाउन
वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को डर सता रहा है कि एक बार फिर से सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया जा सकता है लेकिन इस पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस समय किसी को भी पिछले साल जैसे लॉकडाउन की आशंका नहीं है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण पर सरकार से हो रही है चर्चा
वहीं आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों के निजीकरण पर कहा कि हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं और इस संदर्भ में प्रोसेस को आगे बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मजबूत पूंजी के आधार के साथ बैंक क्षेत्र की वित्तीय सेहत, नैतिक मानदंडों के साथ संचालन व्यवस्था को बनाये रखना सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी.
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