नई दिल्ली: पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद भारतीय सेना अब उत्तरी छोर पर आने वाले समय में बड़ा उलटफेर करने की तैयारी कर रही है. पैंगोंग के उत्तर का ये इलाका कोई और नहीं भारत और चीन के बीच सबसे विवादस्पद फिंगर-एरिया है. एबीपी न्यूज को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि 30 अगस्त को भारतीय सेना ने इस फिंगर एरिया में अपनी डेप्लोयमेंट यानि सैनिको और सैन्य साजो सामान को 'रि-एडजेस्टमेंट'' किया है.


सेना मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि 30 अगस्त को पैंगोंग-त्सो लेक के उत्तरी दिशा में एहतियात के तौर पर भारत ने अपनी कुछ तैनाती को रि-एडजेस्टमेंट किया है. हालांकि, सूत्रों ने ये साफ नहीं किया कि ये बदलाव किस तरह का था. सूत्रो ने लेकिन ये जरूर साफ किया कि ये बदलाव भारतीय सेना ने अपनी तरफ की एलएसी पर किए हैं. लेकिन सेना ने इस बात से साफ इंकार किया कि भारतीय सैनिकों ने फिंगर-4 पर कब्जा कर लिया है.


दरअसल, 5-6 मई से चीनी सेना ने फिंगर 4 की एक उंची 'रिज' पर अपना कब्जा कर रखा है. साथ ही फिंगर 8-5 के बीच चीनी सेना ने बड़ी तादाद में अपने सैनिक तैनात कर रखे हैं और टैंट, बैरक और हेलीपैड तक बना लिया है. भारत ने इस कारवाई को दोनों देशों के बीच एलएसी पर शांति कायम के लिए किए गए समझौता का उल्लंघन बताया है. क्योंकि इससे एलएसी के स्टेट्स-क्यो यानि यथा-स्थिति बदलने की कोशिश की गई है जो शांति समझौतों के विपरीत है.


ऐसे में माना जा रहा है कि भारतीय सेना ने हो ना हो फिंगर 4 से सटी फिंगर-3 पर अपना अधिकार जमा लिया है. क्योंकि भारत मानता है कि दोनों देशों को बीच एलएसी फिंगर 4 और फिंगर 5 के बीच से गुजरती है. हालांकि, भारत का दावा फिंगर 8 तक है. चीन का दावा फिंगर-2 तक है जहां 1962 के युद्ध के बाद से ही भारत की धनसिंह थापा पोस्ट है.


ऐसे में अब समय की निगाहें भारतीय सेना की तरफ लगी हुई है कि अब भारत का इस फिंगर एरिया में अगला मूव किया होगा.