केरल के पठानमथिट्टा में बड़ी संख्या में कोरोना के री-इंफेक्शन के मामले सामने आए हैं. री-इंफेक्शन के मामले खास कर उनलोगों में देखने को मिल रहे है जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की डोज ले ली है. केरल में री-इंफेक्शन के मामलों पर केंद्र सरकार भी अपनी नजर बनाए हुए है. राज्य में बढ़ रहे कोरोना के मामले को देखते हुए केंद्र ने केरल सरकार को राज्य से डेटा और कोविड वैक्सीन के बीच गैप को कम करने को लेकर समीक्षा करने को कहा है.


हाल ही में केंद्रीय टीम ने केरल का दौरा किया था. इस दौरे पर उन्होंने यह पाया कि वैक्सीन की पहली खुराक के बाद जिले में 14,974 कोरोना के मामले सामने आए जो काफी चिंताजनक हैं, वहीं वैक्सीन के दूसरी डोज के बाद 5,042 नए मामले सामने आए. इस जिले में कोविशिल्ड इंजेक्शन का अधिक प्रयोग किया जा रहा है.


राज्य के साथ मिलकर समीक्षा जारी


नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक सुजीत सिंह ने कहा कि हम राज्य के साथ मिलकर इसी समीक्षा कर रहे हैं. हमें यह जानने की जरूरत है कि कोई भी व्यक्ति वैक्सीन के दूसरी डोज के बाद कब कोरोना संक्रमित हुआ और क्या उसे पहले हल्के सिम्टम आए या अस्पताल में भर्ती कराया गया. हमने यह जानकारी अलग-अलग जिलों से भी मांगी कर रहे है.


https://www.abplive.com/lifestyle/covid-19-new-analysis-warns-youth-depression-and-anxiety-doubled-during-pandemic-1952238


केरल में फिलहाल बड़ी संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, सरकार जीनोम सिक्वेंसिग के जरिए भी कोरोना के बढ़े मामलों की जांच कर रही है. केरल में अबतक 54% लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दे दी गई है. वहीं यहां की कुल आबादी के 23% लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है.


हालांकि, टीके की दोनों डोज मिलने के बाद भी राज्य में दोबारा संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा हैं. चिंता की बात यह है कि संक्रमण गति तेज रहने से स्थिति और भी खराब हो सकती है और बड़ी संख्या में मामले सामने आ सकते है.   


यह भी पढ़ें:


WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने स्कूल खोले जाने की अपील की, कहा- बच्चों पर पड़ेगा लंबे समय तक प्रभाव


दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया का दावा- केंद्र ने हमसे नहीं पूछा कि ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई या नहीं