अयोध्या मामलाः सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई पूरी, जानें- किसने क्या कहा?
पिछले 40 दिनों में सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में अपने-अपने पक्ष रखे हैं. सुनवाई अयोध्या की विवादित जमीन को लेकर हो रही है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां रामलला का जन्म हुआ था इस कारण इस जमीन पर मंदिर बनाने की इजाजत दी जाए.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद को लेकर पिछले 40 दिनों से जारी सुनवाई आज खत्म हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता बाली पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. आज हुई सुनवाई के दौरान सभी पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं. माना जा रहा है कि 23 दिन बाद इसका फैसला आ जाएगा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से किसी तारीख का एलान नहीं किया है.
सुनवाई पूरी होने के बाद संबंधित पक्षों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की. हिंदू महासभा के वकील वरुण सिन्हा ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है इससे साफ है कि अयोध्या मामले को लेकर जल्द फैसला आ सकता है. इस केस में 23 दिन के अंदर फैसला आ जाएगा.''
जफरयाब जिलानी का बयान
सुनवाई खत्म होने के बाद जफरयाब जिलानी ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को दलली रखने का मौका दिया है. मैं खुश हूं कि कोर्ट ने सभी पक्षों की बात सुनी. बहुत ही सौहार्दपूर्ण तरीके से कोर्ट ने सुनवाई पूरी की है. अब हमें सिर्फ फैसले का इंतजार करना होगा.''
कोर्ट का फैसला मानेंगेः इकबाल अंसारी
वहीं इस मामले को लेकर इकबाल अंसारी ने कहा, ''बहुत अच्छी बात है कि फैसला रिजर्व कर लिया गया है. यह हिंदुस्तान के लिए बड़ा फैसला होगा. सुनवाई पूरी हो गई है. सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. कोर्ट का जो भी फैसला होगा हम उसे मानेंगे.''
महबूब दरयादी ने जताई खुशी
ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल के महासचिव मौलाना महबूब दरयादी ने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि सुनवाई पूरी हो गई. हम चाहते हैं कि अदालत साक्ष्य के आधार पर, ना कि धार्मिक भावनाओं के आधार पर अंतिम फैसला करे.'' उन्होंने कहा, ''शुरू से ही हम कहते आ रहे हैं कि अदालत का जो भी फैसला होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे. लेकिन दूसरे पक्ष के लोगों को भी कोर्ट के फैसले को स्वीकार करना चाहिए.''
6 अगस्त से शुरू हुई थी सुनवाई
बता दें कि इस मामले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने 6 अगस्त से इस मामले की सुनवाई शुरू की थी. बेंच में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
पिछले 40 दिनों में सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में अपने-अपने पक्ष रखे हैं. सुनवाई अयोध्या की विवादित जमीन को लेकर हो रही है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां रामलला का जन्म हुआ था इस कारण इस जमीन पर मंदिर बनाने की इजाजत दी जाए.
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