बाबरी विध्वंस मामले में कोर्ट के फैसले के बाद राजनाथ सिंह ने कहा- देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई
गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी से फोन पर बातचीत की और उन्हें बधाई दी. वहीं केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद लाल कृष्ण आडवाणी से मिलने पहुंचे हैं.
नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. जज एसके यादव ने कहा है कि विवादित ढांचा गिराने की कोई साजिश नहीं थी. ये घटना अचानक हुई थी. ये फैसला आने के बाद विश्व हिंदू परिषद के नेता लड्डू बांट रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी से फोन पर बातचीत की और उन्हें बधाई दी. वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद लाल कृष्ण आडवाणी से मिलने पहुंचे हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, डॉ मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी साजिश में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं, इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है.'
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "सत्यमेव जयते! CBI की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है. तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्य संतों, बीजेपी नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया गया. इस साजिश के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए."
बीजेपी नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, "मैं 6 दिसंबर की पूरी घटना का गवाह था. यह सब कोई साजिश नहीं थी. मैं मंच से संचालन कर रहा था, मुझे आश्चर्य हुआ जब कुछ कार सेवकों ने बाबरी पर चढ़ाई की थी. आडवाणी जी बहुत दुखी थे, सत्यमेव जयते."
वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकार ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा है कि वह सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे. बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है, हम इसका सम्मान करते हैं.
आडवाणी, जोशी समेत सभी आरोपी बरी अयोध्या में छह दिसम्बर 1992 बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 साल बाद आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत ने ये भी कहा कि मस्जिद का विध्वंस सुनियोजित नहीं था. अदालत ने कहा कि किसी भी आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले.
मामले में आडवाणी, जोशी, उमा भारती, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह और सतीश प्रधान को छोड़कर सभी 26 अभियुक्त फैसले के वक्त अदालत में मौजूद थे.
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