(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चुनाव आयोग और बीजेपी ने की 'आप' की मदद, कांग्रेस का आरोप
अगर यह निर्णय 22 दिसंबर के पहले आ जाता तो 'आप' के यह 20 विधायक राज्यसभा के लिए वोट नहीं कर पाते.
नई दिल्ली: 'लाभ का पद' मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है. इन सभी विधायकों पर संसदीय सचिव के तौर पर लाभ का पद लेने का आरोप है.
इस मामले पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. माकन ने कहा, "इस फैसले में देरी के लिए चुनाव आयोग और बीजेपी ने आम आदमी पार्टी की मदद की है जिससे राज्यसभा चुनाव प्रभावित न हो. अगर यह निर्णय 22 दिसंबर के पहले आ जाता तो 'आप' के यह 20 विधायक राज्यसभा के लिए वोट नहीं कर पाते."
AAP has been helped by BJP & EC by delaying the decision for over 3 weeks. If decision would have come before 22nd Dec, these 20 MLAs would've been disqualified & couldn't have voted for RS elections: Ajay Maken, Congress on disqualification of 20 AAP MLAs by EC #OfficeOfProfit pic.twitter.com/pl9emUpXSW
— ANI (@ANI) January 21, 2018
राष्ट्रपति के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी नेता गोपाल राय ने कहा, "हम राष्ट्रपति से मिलने की उम्मीद कर रहे थे ताकि हमें खुद को पेश करने का मौका मिले. अब हमें यह सूचना प्राप्त हुई है. अगर आवश्यकता होती है तो आम आदमी पार्टी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर भी दस्तक देगी."
We had hoped to go to the President asking him to give us a chance to present ourselves. Now we received this news. AAP will knock the doors of HC and even SC if the need be: Gopal Rai, Delhi Minister on recommendation of disqualification of 20 AAP MLAs approved by the President pic.twitter.com/TgyENWSgUf — ANI (@ANI) January 21, 2018सदस्यता रद्द होने वाले 20 विधायकों में से एक अलका लांबा ने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति ने जल्दबाजी में निर्णय लिया, हमें बोलने का मौका नहीं दिया गया. यह संवैधानिक संस्थानों का उपयोग कर केंद्र का कार्य है. हम न्यायपालिका पर भरोसा करते हैं हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे हमारे लिए खुले हैं."
क्या उपचुनाव की संभावना ज्यादा है?Unfortunate that the President took the decision in such haste, without giving us chance to speak. It's an act of Centre using constitutional institutions. We've trust on judiciary. Doors of HC & SC is open for us.: Alka Lamba, one of the 20 disqualified AAP MLAs #OfficeOfProfitpic.twitter.com/BckXd6C11U
— ANI (@ANI) January 21, 2018
यूं तो आम आदमी पार्टी के पास अब भी इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार बचा है लेकिन आमतौर पर देखा गया है कि अदालतें चुनाव आयोग के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करती हैं. यानि कुल मिलाकर दिल्ली में अगले छह महीनों में मिनी विधानसभा चुनाव के आसार ज्यादा हैं.
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