राम मंदिर मुद्दा : केंद्र सरकार ने SC के प्रस्ताव का स्वागत किया, राजनीति भी हुई तेज
नई दिल्ली : राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद राजनीतिक गलियारे में भी हलचल तेज हो गई है. सु्प्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि वह इस मसले को लेकर मध्यस्था करने तो तैयार है. इस बीच केंद्र सरकार ने प्रस्ताव का स्वागत किया है. बीजेपी ने भी इसे एक अच्छा रुख बताया है. साथ ही अन्य प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने भी फैसले का स्वागत किया है.
कोहली ने कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले का स्वागत करती है
बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले का स्वागत करती है. उन्होंने यह भी कहा कि मध्यस्थता तभी संभव है जब दोनों पक्ष उसमें शामिल हों. उनके अनुसार बीजेपी ने हमेशा यह कोशिश की है कि बातचीत से मसला हल हो. उन्होंने कहा कि आपसी सहमती या कोर्ट का फैसला ही इसमें अहम है. हमारे लिए यह राजनीतिक मसला नहीं है बल्कि लोगों की आस्था से जुड़ा विषय है.
यह भी पढ़ें : SC ने कहा- 'राम मंदिर' संवेदनशील मुद्दा, आपसी सहमति से हो हल, अगले हफ्ते सुनवाई
आपसी सहमति या माननीय अदालत ही इस मुद्दे का हल करे
कांग्रेस की ओर से उनके प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि पहले से ही बार-बार कहा जा रहा है कि आपसी सहमति या माननीय अदालत ही इस मुद्दे का हल करे. उनके अनुसार अदालत को ही निर्णय करना है. अखिलेश प्रताम ने कहा कि अदालत या तो फैसला दे या मिल-बैठ कर निपटारा कर ले. उनके अनुसार मुख्य भूमिका तो अदालत की ही है. हालांकि उन्होंने कहा कि बातचीत की पहल कौन करेगा यह बड़ा सवाल है.
फिरंगी महली ने राजनीतिक पार्टियों को निशाने पर लिया
इस बीच मुस्लिम धर्म गुरू खालिद रशीद फिरंगी महली ने राजनीतिक पार्टियों को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि जब भी बातचीत से इस मुद्दे का हल निकालने की कोशिश की गई है राजनीतिक दलों ने बीच में माहौल खराब किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुसलमान कभी भी राममंदिर के खिलाफ नहीं रहे हैं. अयोध्या का मसला सभी चाहते हैं कि हल हो जाए. उन्होंने कहा कि 'हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट खुद ही इसे हल कर दे.'
बसपा सुप्रीमों और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा...
इस बीच बसपा सुप्रीमों और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि वे फैसले को पढ़ने के बाद ही पूरी तरह से इस मसले पर कुछ कह पाएंगी. इस बीच कानून मंत्री पीपी चौधरी ने इस फैसले का स्वागत किया है. मुस्लिम धर्मगुरू उमर इलियासी ने भी कहा कि यह मसला कई सालों से लंबित है. ऐसे में यदि दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर कोई समाधान निकलता है तो यह काफी अच्छा कदम होगा.
देखें वीडियो :