नई दिल्ली: कर्नाटक की वरिष्ठ महिला पत्रकार गौरी लंकेश की कल बेंगलूरु में हत्या की चारों तरफ कड़ी निंदा हो रही है. राजनेताओं के अलावा, पत्रकारों, समाजसेवियों और फिल्मी दुनिया से जुड़ी हस्तियों तक ने इस हत्या को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किए जाने की मांग की है.
कर्नाटक की वरिष्ठ महिला पत्रकार गौरी लंकेश की कल बेंगलूरु में कुछ अज्ञात हमलावरों ने उनके घर के बाहर ही गोली मारकर हत्या कर दी. गौरी लंकेश को बाइक पर सवार हमलावरों ने बीती रात उस वक्त गोली मारी, जब वो दफ्तर से लौटकर अपने घर का दरवाज़ा खोलने जा रही थीं.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की निंदा
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गौरी लंकेश की हत्या पर शोक व्यक्त किया है और इस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह प्रमुख मुद्दों पर केंद्र सरकार की एक आलोचक थी. उन्होंने अपने समाचार पत्र में और साथ ही अन्य मंचों में भी अपने विचारों को निडर तरीके से व्यक्त किया है. उनकी हत्या लोकतंत्र में असंतोष और प्रेस की स्वतंत्रता पर एक क्रूर हमला है.
गौरी लंकेश की हत्या के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है, ''वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा करती हूं. उम्मीद है कि त्वरित जांच कर न्याय दिया जाएगा. परिवार के प्रति संवेदनाएं.”
गौरी लंकेश की हत्या की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कड़ी निंदा की है. राहुल ने ट्विटर पर लिखा है, ‘’सच्चाई की आवाज़ को कभी चुप नहीं कराया जा सकता. गौरी लंकेश हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी. मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ है. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.’’
गौरी लंकेश की हत्या की सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने भी निंदा की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ‘’बेंगलूरु से गौरी लंकेश की जघन्य हत्या की दुखद खबर मिली. मैं पत्रकारों के खिलाफ हर तरह की हिंसा की निंदा करता हूं.’’
ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘’BEA वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की जघन्य हत्या की निंदा करता है. एक पत्रकार की हत्या बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. दोषियों की पहचान के लिए सरकार को तत्परता से कार्रवाई करनी चाहिए. इंसाफ होना चाहिए.’’
मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने ट्वीट किया है, ‘’दाभोलकर, पंसारे, कलबुर्गी और अब गौरी लंकेश. अगर एक ही तरह के लोग मारे जा रहे हैं तो हत्यारे किस तरह के लोग हैं?’’
वहीं, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने गौरी लंकेश की हत्या पर दुख जताते हुए इसे कायरतापूर्ण हत्या बताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''वो हमेशा में हमारे दिल में जिंदा रहेगी, गौरी लंकेश भी कन्हैया को बेटे की तरह मानती थी.''
कौन थीं गौरी लंकेश ?
गौरी लंकेश पत्रिके की एडिटर थीं. गौरी लंकेश भाषाई पत्राकरिता में कुछेक महिला पत्रकारों में से एक थी. अपने तीखे तेवर और एंटी एस्टैबलिस्मेंट अंदाज के लिए उनको जाना जाता था. नवंबर 2015 में गौरी लंकेश को अपने पत्रिका में 2008 में एक तीन भाजपा नेताओं के बारे में एक खबर छापने के बाद मानहानी के केस में कोर्ट नें 10000 रूपए का फाइन और छ माह के जेल की सजा सुनाई थी. वह फिलहाल जमानत पर थीं.