नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी का विश्वास संकट फिलहाल खत्म हो गया है. संकट का अंत कुछ इस तरह हुआ. दो फैसले लिए गए, अमानतुल्लाह खान को सस्पेंड कर दिया गया और वहीं कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है. इसके पीछे की कहानी औऱ लंबी है. कुमार विश्वास को मनाने के लिए खुद अरविंद केजरीवाल मैदान में उतरे और आधी रात से लेकर तड़के तक हुई कोशिशों के बाद कलह दूर करने का ये रास्ता निकाला गया. कुमार विश्वास ने कहा है कि पार्टी में शुद्धिकरण होगा. कुल मिला कर आपसी झगड़े के इस पहले राउंड में कुमार विश्वास भारी पड़े हैं.


विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
अब हम आपको बताते हैं कि इस कलह की पूरी कहानी. दअरसल ये पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब पंजाब और फिर दिल्ली में हुई आम आदमी पार्टी की हार के बाद कुमार विश्वास ने पार्टी के फैसलों पर सवाल उठना शुरू किया. मंत्री कपिल मिश्रा समेत आप के कई विधायकों ने हार के लिए जिम्मेदार नेताओं को पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से हटाने की मांग करनी शुरू की. इन सब के बीच अचानक आप के विधायक अमानतुल्लाह खान ने कुमार विश्वास को बीजेपी का एजेंट बता दिया.


जब मामला सुलझने के बजाए और उलझ गया
इसके बाद पूरा विवाद अमानत के बयान पर अटक गया और कुमार कैंप ने पार्टी से अमानत को पार्टी से निकालने की मांग की. विवाद बढ़ने पर अमानत ने पार्टी की PAC से इस्तीफा दे दिया लेकिन बयान पर कायम रहे. इस बैठक में कुमार नहीं आए. मनीष सिसोदिया ने कहा कि अमानतुल्लाह के अलावा वीडियो जारी करने से लेकर इंटरव्यू देने तक कुमार विश्वास के बयानों से भी पार्टी खुश नहीं है. इस बयान से कुमार विश्वास और आहत हुए, इसके बाद मामला सुझलझने के बजाए और सुलझ गया. कुमार विश्वास के घर पर माहौल शक्ति प्रदर्शन जैसा हो गया.


अमनातुल्ला पर 'कार्रवाई'  नहीं, कुमार के सब्र ने दिया जवाब
कुमार विश्वास के घर आप के विधायकों और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया. आम आदमी पार्टी ने मंगलवार शाम होने वाली PAC की बैठक रद्द कर दी. अमानतुल्लाह पर कोई कार्रवाई ना होता देख कुमार विश्वास का सब्र जवाब दे गया और मंगलवार की शाम कैमरे के सामने अपने खिलाफ साजिश का आरोप लगा दिया. उन्होंने साफ कहा कि अमानतुल्लाह मुखौटा है और पार्टी के कुछ नेता उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं. पार्टी में दो फाड़ के संकेत देते हुए कुमार ने ये भी कहा कि रात भर सोच कर वो आगे की योजना बनाएंगे. अपनी बात कहते कहते कुमार विश्वास भावुक भी हो गए.


बयान के तुरंत बाद मनीष सिसोदिया ने फिर कुमार पर पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाजी के पार्टी को नुकसान हो रहा है. सिसोदिया के बयान के बाद लगा कि कुमार और केजरीवाल में विश्वास की खाई काफी चौड़ी हो गई है. लेकिन देर शाम पहले संजय सिंह और आशुतोष कुमार को मनाने उनके घर पहुंचे.


'छोटे भाई' को मनाने पहुंचे अरविंद केजरीवाल
कुमार विश्वास के दिए भावुक बयान का असली असर देर शाम देखने को मिला जब पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल खुद उन्हें मनाने पहुंचे. केजरीवाल सिसोदिया के साथ कुमार के घर जा पहुंचे और कुमार को साथ लेकर अपने मुख्यमंत्री आवास आए. अरविंद केजरीवाल के घर पर देर रात करीब डेढ़ बजे तक मान मनौव्वल का सिलसिला चला. इस बैठक में ही अरविंद केजरीवाल अपने 'छोटे भाई' जैसे कुमार विश्वास को मामने में कामयाब हो गए.


अमानतुल्ला सस्पेंड, अपने वीडियो पर कायम रहे कुमार
इसके बाद आज PAC की बैठक फिर हुूई, पिछली पीएसी बैठक में शामिल नहीं हुए कुमार विश्वास भी इस बैठक में शामिल हुए. आखिरकार अमानतुल्लाह को पार्टी से निलंबित कर दिया गया. कुमार ने अपने "वी द नेशन" वीडियो पर माफी मांगने से भी इंकार कर दिया. इस वीडियो में कुमार ने केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार की बात कही थी. बैठक से निकल कर उन्होंने कहा कि वो पार्टी में कार्यकर्ताओं के मुद्दे को उठाते रहेंगे. हालांकि PAC की बैठक से निकले कुमार के चेहरे पर निराशा दिखी.


कुमार विश्वास को असली 'चुनौती' तो अब मिली
इस फैसले के एलान के साथ ही केजरीवाल के घर के बाहर आप के कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया और कुमार के समर्थन में नारे लगाए. हालांकि इस पूरी लड़ाई में कुमार विश्वास की जीत तभी हो गई थी जब खुद केजरीवाल उन्हें मनाने के लिए आधी रात उनके घर जा पहुंचे. लेकिन कुमार के सामने अब असली चुनौती पार्ट टाइम की बजाय फुल टाइम राजनीति कर खुद को साबित करना होगा. जहां तक आम आदमी पार्टी का सवाल है तो भले फिलहाल सब ठीक ठाक होता हुआ नजर आ रहा हो लेकिन पार्टी के अंदर की गुटबाजी बरकरार है.