नई दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के साथ उनकी सांठगांठ तीन चार महीने से चल रही थी और कांग्रेस को इसकी भनक मिल चुकी थी. राहुल गांधी भले ही तीन चार महीने की बात कह रहे हों लेकिन हकीकत यही है कि करीब एक साल से बीजेपी और नीतीश कुमार के रिश्ते में काफी सुधार आया था.

पिछले साल सितंबर महीने में जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक किया था, तब तमाम विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर सवाल उठाया था लेकिन नीतीश कुमार सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर मोदी सरकार के साथ खड़े रहे.

मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ पूरे विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया था लेकिन नीतीश कुमार ने नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार की जमकर तारीफ की थी.

मोदी सरकार ने नोटबंदी के बाद बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी. उस मुद्दे पर भी नीतीश कुमार ने भी केंद्र सरकार के पहल की तारीफ की थी. कल महागठबंधन से अलग होते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि वो बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई के पक्षधर रहे हैं और इसीलिए वो अवैध संपत्ति के मुद्दे पर लालू के साथ नहीं रह सकते हैं.

राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ दिया और जब विपक्ष ने मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाकर उनको अपने पाले में लाने की कोशिश की तो नीतीश ने विपक्ष पर पलटवार करने में जरा भी देर नहीं लगाई.

राष्ट्रपति चुनाव के समय एक तरफ सोनिया गांधी विपक्षी दलों के साथ राय मशविरा कर रही थी, दूसरी तरफ नीतीश कुमार उस बैठक से गैर हाजिर रहकर पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ लंच कर रहे थे.

जीएसटी के मुद्दे पर मोदी सरकार ने 30 जून की रात को संसद में जो विशेष अधिवेशन रखा था, उसमें नीतीश कुमार शामिल हुए थे जबकि कांग्रेस सहित कई दलों ने आधी रात के कार्यक्रम का बहिष्कार किया था.नीतीश कुमार जीएसटी के लिए कई बार केंद्र सरकार की तारीफ कर चुके हैं और उनकी राय में जीएसटी से विकास की गति तेज होगी.


गुरू गोविंद सिंह की 350 जयंती के मौके पर नीतीश कुमार ने जब पांच जनवरी को पटना में भव्य आयोजन किया था, तो मंच पर उनके सहयोगी लालू मौजूद नहीं थे, नीतीश कुमार के साथ मंच पर पीएम मोदी मौजूद रहे. नीतीश कुमार ने पीएम के स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी तो जवाब में पीएम ने भी नीतीश की तारीफ करने में कोई कमी नहीं की. बता दें कि पटना के इसी मंच से पीएम मोदी ने नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले की जमकर तारीफ की थी.

बिहार विधानसभा चुनाव तक पीएम मोदी और नीतीश कुमार एक दूसरे पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे लेकिन पिछले एक साल से दोनों एक दूसरे के खिलाफ तल्ख बयान नहीं दे रहे थे.

इसके अलावा भी कई और संकेत ऐसे हैं जिससे यही लग रहा है कि बीजेपी और नीतीश के रिश्तों में पिछले एक साल से सुधार आया था और आखिर में आज दोनों ने नये रिश्ते पर मुहर लगा दी.