RSS Chief Mohan Bhagwat on Valmiki Jayanti: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार को वाल्मीकि जयंती (Valmiki Jayanti) की बधाई दी और कहा कि यह अवसर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो इंसान बनना चाहते हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उत्तर प्रदेश के कानपुर (UPs Kanpur) में एक जनसभा (Public Meeting) में कहा, "यदि आप आत्मीयता सीखना चाहते हैं, तो वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayan) पढ़ें, जिसमें भगवान राम (Lord Ram) के चरित्र का उल्लेख है. यह किसी भी व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण और गौरव का क्षण है, जो एक बेहतर इंसान बनना चाहता है."
आरएसएस प्रमुख ने एक बंगाली कहावत का हवाला देते हुए कहा, "जिस किसी में भी इस तरह की आत्मीयता है और वह एकजुट रहना चाहता है, वह इमली के पत्ते पर बैठ सकता है."
वाल्मीकि जयंती हर साल 9 अक्टूबर को मनाई जाती है. यह दिन महर्षि वाल्मीकि की जयंती का प्रतीक है, जिन्हें भगवान राम के जीवनकाल में मूल रामायण लिखने का श्रेय दिया जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर इस अवसर पर बधाई दी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "देशवासियों को वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं."
यूपी में भव्य तरीके से मनाएंगे वाल्मीकि जयंती
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा पूरे राज्य में भव्य तरीके से ऋषि वाल्मीकि की जयंती मनाई जाएगी. इस समारोह ने आज देश की सड़कों को भी चिह्नित किया है. इससे पहले 7 अक्टूबर को अधिकारियों ने बताया था कि उत्तर प्रदेश में उत्सव के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जिसमें भगवान राम और हनुमान के सभी मंदिरों के साथ-साथ महाकाव्य से जुड़े सभी स्थानों पर रामायण का निरंतर पाठ करना और दीपदान करना शामिल है. शासन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए गोरखपुर के जिलाधिकारी ने सीडीओ, समस्त एसडीएम, उप निदेशक बौद्ध संग्रहालय एवं क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं.
पूरे राज्य में दीपदान करवाने के आदेश
प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम (Mukesh Kumar Meshram) ने इस संबंध में सभी संभागीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों (DM) को निर्देश जारी कर कहा है कि वाल्मीकि जयंती (Valmiki Jayanti) पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर मनाई जाए. इससे पहले इस अवसर की तैयारी के दौरान, अधिकारियों को दीप जलाने या 'दीपदान' के साथ-साथ 8, 12 या 24 घंटे तक रामायण (Ramayan) के निरंतर पाठ की व्यवस्था करने को कहा है.
वाल्मीकि जयंती के अवसर पर इसी तरह के अन्य कार्यक्रमों को सभी स्थानों और महर्षि से संबंधित मंदिरों में आयोजित करने के लिए कहा गया था. वाल्मीकि जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा 8 अक्टूबर की शाम शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी द्वारा की गई थी.
ये भी पढ़ें
जनसंख्या नियंत्रण पर क्यों मचा है घमासान? जानें RSS से कितना अलग है मोदी सरकार का रुख