Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण के सभी संभावित स्रोतों की पहचान करने और उनसे निपटने की तैयारी कर रही दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के स्तर का अध्ययन करने के लिए बेहद हाई-टेक और डेटा संचालित परियोजनाओं की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार (23 दिसंबर) को 'रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट प्रोजेक्ट' की प्रगति की समीक्षा की. यह परियोजना दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली और टेरी के सहयोग से शुरू की गई है. 


रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी में अत्याधुनिक वायु विश्लेषणकर्ताओं और एक मोबाइल वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के साथ एक सुपरसाइट शामिल है, जो दिल्ली के ऊपर हवा में विभिन्न पदार्थों के स्तर को मापेगा.


दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने की तैयारी


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण के स्रोतों की वास्तविक समय के आधार पर पहचान अब दिल्ली में शुरू हो गई है. दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर का रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी दिल्ली को प्रदूषण संबंधी आंकड़ों से सक्रिय तरीके से निपटने में मदद कर रहा है.


सीएम ने कहा कि हमने अधिकारियों को अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर प्रदूषण को कम करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया है. दिल्ली सरकार विश्लेषण को CAQM के समक्ष रखेगी ताकि केंद्र भी इस समस्या पर कार्रवाई कर सके. बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता, पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारी और अध्ययन का नेतृत्व कर रहे आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश शर्मा और उनकी टीम ने भाग लिया.


दिल्ली में क्यों बढ़ता है प्रदूषण 


समीक्षा बैठक के दौरान आईआईटी कानपुर की टीम ने बताया कि सेकेंड्री इनॉर्गेनिक एरोसोल, जो लंबी दूरी तय करते हैं, वो वायु प्रदूषण में बड़ा योगदान करते हैं और फिर बायोमास जलना (लकड़ी, ठूंठ आदि), वाहन उत्सर्जन व धूल (सड़क और निर्माण), पिछले एक महीने में पीएम 2.5 यानी वायु प्रदूषण के अन्य प्रमुख स्रोत हैं. इसे लेकर टीम ने हाल के दिनों में प्रदूषण के स्रोतों और किस दिशा से बाहरी प्रदूषण दिल्ली तक पहुंचा है, इस पर प्रति घंटा डेटा भी दिखाया.


प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों से अवगत होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तत्काल पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को प्रदूषण के स्रोतों और स्थानों की पहचान करने के लिए कार्रवाई शुरू करने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए.


क्या है रियल टाइम सोर्सेज अपोर्शनमेंट स्टडी?


‘रियल टाइम सोर्सेज अपोर्शनमेंट स्टडी’ में अत्याधुनिक वायु विश्लेषणकर्ताओं और एक मोबाइल वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के साथ एक सुपरसाइट है, जो दिल्ली के ऊपर हवा में विभिन्न पदार्थों के स्तर को मापेगा. इससे पहले सितंबर में, सीएम ने इस साल की शीतकालीन कार्य योजना के हिस्से के रूप में घोषणा की थी कि सुपरसाइट की शुरुआत प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली की लड़ाई के प्रमुख घटकों में से एक होगी.


ये परियोजना 1 नवंबर 2022 से शुरू हो गई है और इसके विभिन्न संकेतकों से संबंधित डेटा उपलब्ध कराया जा रहा है. इनमें वास्तविक समय प्रति घंटे के आधार पर पीएम-2.5 के विभिन्न स्रोतों की पहचान, कुल पीएम-2.5 का तीन दिन का प्रति घंटा पूर्वानुमान और साथ ही पीएम-2.5 के विभिन्न स्रोत शामिल है. डेटा वास्तविक समय के आधार पर सरकार को प्रदूषण के स्रोतों (जैसे वाहनों का निकास, धूल, बायोमास जलाना और उद्योगों से उत्सर्जन) की सही पहचान करने में मदद करेगा.


हर घंटे का डेटा उपलब्ध होगा


सुपरसाइट डेटा घंटे, दैनिक और साप्ताहिक आधार पर वायु प्रदूषण के स्तर का पूर्वानुमान लगाने में भी मदद करेगा. ये पूर्वानुमान दिल्ली सरकार को प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय कदम उठाने और प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए संसाधन आवंटित करने में सक्षम बनाएंगे. निष्कर्षों को एक मोबाइल वैन के जरिए पूरक बनाया जाएगा जो दिल्ली के कोने-कोने से वायु प्रदूषण रीडिंग और स्रोतों को कैप्चर करेगा.


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