(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Reasi Terrorsit Attack: माता वैष्णो देवी मंदिर में कुली था आतंकियों का मददगार, रियासी बस हमले को लेकर बड़ा खुलासा
Reasi News: जांच एजेंसी को पता चला है कि पाकिस्तान से आए तीन आतंकवादियों ने 1 जून को पहली बार एक स्थानीय शख्स से मदद ली. इसके बाद उससे अलग-अलग तरीके से लगातार मदद ली. रेकी में भी उसे शामिल किया.
Reasi Terrorist Attack Latest News: जम्मू-कश्मीर के रियासी में 9 जून को तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकी हमले के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों को कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं. इसके आधार पर अब दो और हमलावरों के स्केच तैयार किए गए हैं.
जानकारी के अनुसार, बस पर फायरिंग के बाद हुए हादसे में 9 लोगों की मौत के कुछ ही समय बाद, पाकिस्तान से आए इन तीन आतंकवादियों ने एक स्थानीय निवासी को रसद सहायता के लिए 5,000 रुपये दिए थे. उस शख्स की सहायता से ही केंद्रीय एजेंसियों ने दो और स्केच तैयार किए हैं.
पुलिस ने 20 जून को किया था मदद करने वाले को अरेस्ट
बता दें कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर मामले की जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई थी. इस मामले में 20 जून को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने राजौरी जिले के 45 वर्षीय हाकम दीन को गिरफ्तार किया था. वह माता वैष्णो देवी मंदिर में कुली का काम करता था, लेकिन तीन साल पहले उसने नौकरी छोड़ दी और मवेशियों का व्यापार करने लगा था. मामला एनआईए को सौंपे जाने से पहले, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा ने हाकम को आतंकवादियों का मुख्य सहयोगी बताया था.
'1 जून को पहली बार आतंकवादी पहुंचे थे घर'
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाकम की गिरफ्तारी के बाद कई एजेंसियों ने उससे पूछताछ की. जांच से परिचित एक सूत्र ने बताया, "उसका दावा है कि वह पहली बार 1 जून को शाम 5:30 बजे वह हमलावरों से मिला था. तब आतंकवादियों ने उससे तीन लोगों के लिए खाना बनाने को कहा. उनमें से एक दूसरे को 'मंज़ूर भाई' कह रहा था. उन्होंने उससे जंगल में अपने ठिकाने पर खाना लेकर आने को कहा.”
'7 जून को रेकी करने के लिए अपने साथ ले गए आतंकी'
रिपोर्ट के अनुसार, हाकम ने पुलिस पूछताछ में बताया कि 7 जून को तीन आतंकवादी फिर से उसके घर आए और उसे पौनी जहां पर हमला हुआ था, की रेकी के लिए अपने साथ चलने को कहा. वे वहां करीब साढ़े तीन घंटे तक रहे. वे हमले के लिए रणनीतिक स्थान चुनने और सड़क की ढलान (जहां वाहन की रफ्तार स्लो होगी) की पहचान करने के लिए अलग-अलग जगहों पर बैठे. उन्होंने जाने से पहले इन स्थानों को चिह्नित किया. उन्होंने पर्यटक बसों की आवाजाही के बारे में भी पूछा."
8 जून को भी हाकम से खाना लेकर गए थे आतंकी
रेकी करने के एक दिन बाद आतंकवादी चाय के लिए हाकम के घर गए और योजना पर चर्चा की. कुछ देर बाद वे खाना लेकर चले गए. 9 जून को आतंकवादी अपने चिह्नित स्थानों पर लौट आए और तीर्थयात्रियों को ले जाने वाली एक स्पेशल बस का इंतजार करने लगे. उन्होंने सबसे पहले ड्राइवर को निशाना बनाया और उसके बस पर से नियंत्रण खोने के बाद भी गोलीबारी बंद नहीं की, जिससे बस खाई में गिर गई. हमले के बाद उन्होंने हाकम को 5,000 रुपये दिए और उसे भागने के लिए कहा, लेकिन उसका आधार कार्ड ले लिया.
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