नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी को जीत मिलती दिख रही है. बीजेपी यहां 22 साल की सत्ता बचाने में कामयाब हो गई है. बीजेपी का आंकड़ा 100 से पार जाता दिख रहा है. वहीं कांग्रेस इस राज्य में 80 सीटों के करीब है. शुरूआती रूझानों में तो कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देती नज़र आई. मामला यहां तक पहुंचा कि कांग्रेस एक वक्त बीजेपी से आगे भी निकल गई. लेकिन इसके बाद बीजेपी ने जो फिर रफ्तार पकड़ी तो वो फिर रूकी नहीं. इन नतीजों से ये साफ हो गया है कि मोदी पर निजी हमला कांग्रसे के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हुआ है.


आंकड़े बताते हैं कांग्रेस की हार की वजह


गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान हुए थे. इन सीटों पर अगर नतीजे देखें तो कांग्रेस बीजेपी को टक्कर देती दिखी है. इन सीटों में 41 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिलती दिख रही है तो वहीं बीजेपी को 48 सीटों पर जीत मिल रही है. लेकिन जब दूसरे चरण के नतीजो में कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ है.


दूसरे चरण में कुल उत्तर और मध्य गुजरात की कुल 93 सीटों पर 14 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. इनमें से 60 सीटों पर बीजेपी बढ़त बनाए हुए है. वहीं कांग्रेस 30 सीटों के साथ दूसरे चरण के इस चुनाव में सिमट गई है.


आपको याद दिला दें कि दूसरे चरण से पहले पीएम मोदी ने बीजेपी के लिए धुआंधार प्रचार किया और कांग्रेस को कई मुद्दों पर जमकर घेरा.


पहला मुद्दा-


गुजरात विधानसभा का चुनाव विकास के नारों से शुरू हुआ लेकिन राहुल के जातिकार्ड के भंवर में फंस गया. गुजरात में दूसरे चरण के चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी के 'नीच' बताया जिसपर खूब हंगामा हुआ. इस बवाल के बाद उन्होंने माफी भी मांगी और राहुल गांधी ने बार-बार सफाई भी दी. लेकिन इस मुद्दे को चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इसे पद की गरिमा और गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया. अब चुनाव के नतीजे दिखा रहे हैं कि इस मुद्दे की वजह से बीजेपी को खूब फायदा हुआ.


दूसरा मुद्दा


गुजरात चुनावों में पीएम मोदी ने कांग्रेस का पाकिस्तान से कनेक्शन भी जोड़ दिया. बनासकांठा में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अहमद पटेल को गुजरात का सीएम बनाने के लिए मणिशंकर अय्यर के घर पाक के पूर्व विदश मंत्री के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई थी. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने लाख सफाई पेश की लेकिन पीएम मोदी के इस भाषण का जनता पर कितना असर हुआ ये नतीजे खुद बयां कर रहे हैं.


तीसरा मुद्दा-


चुनाव प्रचार के दौरान जब राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूमकर बीजेपी के हिंदुत्व वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे थे उस वक्त बीजेपी ने हिंदुत्व का मु्ददा ऐसा भुनाया कि कांग्रेस उसका बचाव ना कर पाई. प्रचार के लिए गुजरात में डटे राहुल गांधी सोमनाथ मंदिर में पूजा औऱ दर्शन करने पहुंचे. यहां पर राहुल गांधी का नाम अहमद पटेल के साथ उस रजिस्टर में दर्ज हुआ जिसमें गैर-हिंदुओं को एंट्री करनी होती है. इस मुद्दे को बीजेपी ने राहुल गांधी के धर्म से जोड़कर खूब उछाला. इसके बाद कांग्रेस ने सफाई देने के लिए राहुल गांधी की 'जनेऊधारी' जारी की. लेकिन नतीजे दिखाते हैं कि ये सब कांग्रेस ये सारे हथकंडे भी कांग्रेस के काम ना आए.


चौथा मुद्दा


इसके बाद राम मंदिर के मसले पर कपिल सिब्बल का वकील के तौर पर अदालत में सुनवाई टालने की दलील देना बीजेपी के लिए चुनावी कार्ड बन गया. इस मु्द्दे पर भी कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा.


पांचवां मु्द्दा


कांग्रेस ने इस चुनाव में पाटीदार आंदोलन की लहर पर सवाल होकर सत्ता तक पहुंचने की पूरी कोशिश की लेकिन हार्दिक पटेल के समर्थन के बावजूद पटेलों का पूरा वोट कांग्रेस के पाले में नहीं आया. वोट के इस बिखराव में बीजेपी को फायदा रहा. पटेल फैक्टर वाले 37 में से 21 सीटों पर बीजेपी जीत रही है.


बता दें कि गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है और यहां पर उन्होंने हर रैली में इस चुनाव को खुद से जोड़ा और खुद ही जिताने की अपील की. यहां आपको बता दें कि पीएम मोदी ने गुजरात के मतदाताओं का मन जीतने के लिए कुल 36 रैलियां कीं. अपनी इन रैलियों में पीएम ने नोटबंदी, जीएसटी, पाटीदार, दलित हर मुद्दे पर आक्रामक रूख अपनाया और सरकार  पर लगे हर आरोप का सख्ती से जवाब दिया. दूसरे चरण के नतीजों को देखें तो ये साफ हो जाता है कि कांग्रेस अपने ही भंवर में फंसकर अपनी नैया डुबा लीं तो वहीं पीएम ने उन्हीं के मु्द्दों पर घेरकर इस रण में जीत हासिल कर ली है.


गुजरात में कुल सीटों की संख्या 182 है, 2012 के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डालें तो बीजेपी को 115, कांग्रेस को 61 और अन्य को 6 सीटें मिली थीं. 2012 के वोट फीसद की बात करें तो बीजेपी को 48%, कांग्रेस को 39% और अन्य को 13 फीसदी वोट मिले थे.