मुंबई/बेंगलुरु: कर्नाटक की राजनीति पल-पल बदल रही है. कांग्रेस-जेडीएस नेतृत्व बागी विधायकों को मनाने की कोशिश में जुटा है. इस बीच कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक मुंबई के होटल से गोवा के लिए रवाना हो गए हैं. कुल 14 विधायक सड़क मार्ग से मुंबई से तटीय राज्य गोवा जा रहे हैं.
इससे पहले शाम के करीब छह बजे खबर आई थी कि कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले नेता डीके शिवकुमार मुंबई के लिए रवाना हुए हैं. शिवकुमार बागी विधायकों से बातचीत के लिए जा रहे हैं.
शिवकुमार के मुंबई रवाना होने से पहले दिन में कांग्रेस और जेडीएस नेताओं ने कई दौर की बैठकें की. जिसके बाद दोनों दलों के मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. ताकि बागी विधायकों को मंत्री बनाकर उन्हें मनाया जा सके.
शाम होते-होते बीजेपी विधायक दल की भी बैठक हुई. बैठक से पहले कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने विश्वास खो दिया है. उन्हें (मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी) पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि वह (सीएम) तुरंत इस्तीफा दे दें.''
अब तक 15 विधायकों का इस्तीफा
आज दो विधायकों ने कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार से समर्थन वापस ले लिया. राजभवन ने एक बयान जारी कर कहा कि कर्नाटक के मंत्री और निर्दलीय विधायक आर शंकर ने पद से इस्तीफा देकर बीजेपी को समर्थन देने की बात कही है. आर शंकर इस्तीफे के बाद मुंबई रवाना हो गए, जहां सभी बागी विधायक ठहरे हैं. आर शंकर से पहले निर्दलीय विधायक एच नागेश इस्तीफा देने और एच डी कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मुंबई पहुंचे.
दोनों विधायकों को मिलाकर अब तक 15 विधायकों ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है. जिससे सरकार पर संकट गहरा गया है और सभी इस्तीफा के स्वीकार होने पर सत्तारूढ़ गठबंधन के बहुमत गंवाने का खतरा है.
विधानसभा की स्थिति
शंकर के फैसले से 224 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी का संख्याबल बढ़कर 107 हो गया है जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के सदस्यों की संख्या विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर 116 रह गयी हैं. सामान्य बहुमत के लिए संख्याबल 113 होता है. यदि विधानसभा अध्यक्ष् 13 विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लेते है तो सदन में सरकार के संख्याबल घटकर 103 ही रह जाएगा.
कांग्रेस-जेडीएस की आखिरी कोशिश
कुल 15 विधायकों के इस्तीफे से संकट में फंसी राज्य सरकार को बचाने के प्रयास के तहत कांग्रेस-जेडीएस के मंत्रियों ने ‘स्वेच्छा’ से इस्तीफे दे दिये. पार्टी का कहना है कि इनकी जगह बागी विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा. कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों और जेडीएस के नौ मंत्रियों ने 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार से अपने इस्तीफे सौंपे.
कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘ उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में इन मुद्दों के समाधान के लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल पर जरूरी फैसला करने का जिम्मा कांग्रेस पार्टी पर छोड़ दिया है. मैं मंत्रियों को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं.’’
बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘यह छठी बार है कि बीजेपी ने राज्य में गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का प्रयत्न किया है. वह पहले पांच बार प्रयास कर चुकी है लेकिन वह बुरी तरह विफल रही. इस बार भी वह विफल रहेगी. वह सरकार अस्थिर करने के लिए सत्ता और केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर रही है.’’ वहीं बीजेपी ने आरोपों को खारिज किया है.
आज संसद में कांग्रेस द्वारा कर्नाटक का मुद्दा उठाए जाने पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "कर्नाटक में राजनीतिक संकट से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है."